रांची (RANCHI): सदर अस्पताल रांची ने एक नई उपलब्धि हासिल की. पहली बार दूरबीन विधि के द्वारा पित्त की नली के पत्थर को निकाला गया. लेप्रोस्कोपिक विधि के द्वारा यह एक जटिल एवं उन्नत सर्जरी मानी जाती हैं. मरीज का 3 वर्ष पहले एक बड़ी पेट की सर्जरी हुई थी, उसी समय उन्हें पता चला था की उनके पित्त के थैली में पत्थर है. परंतु उस समय उसका ऑपरेशन नहीं हो पाया जिसके कारण पित्त की थैली का पत्थर निकलकर पित्त की नली में पहुंच गया और मरीज को जॉन्डिस भी हो गया.उसके बाद मरीज ने सदर अस्पताल के सर्जरी विभाग में डॉक्टर अजीत कुमार ने कर दिखाया.
मरीज की सर्जरी सफल रही
मरीज का नाम कनक देवी है. जो खुद बुंडू अनुमंडल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के तौर पर कार्यरत है. डॉ अजीत ने जब एमआरसीपी कराया तब एक बड़ा सा स्टोन पीत की नली के आखिरी छोर पर फंसा हुआ पाया.मरीज की जांच और तैयारी करने के बाद 12 नवंबर को उनका ऑपरेशन हुआ और t-tube डाला गया.ऑपरेशन के कुछ दिन के बाद दुबारा जांच कराकर t-tube निकाला जाता है.जब 5 दिसंबर को उनका दोबारा MRCP कराया गया तो पित्त की नली में कोई पत्थर नहीं मिला, मतलब कि मरीज की सर्जरी सफल रही. मगंलवार को निश्चिंत होने के बाद डॉक्टर अजीत कुमार ने t-tube को निकालकर मरीज को अपने निगरानी में रखा है. एक-दो दिनों में मरीज को छुट्टी दे दी जाएगी.
पित्त की नली के पत्थर का ऑपरेशन रांची सदर अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक विधि के द्वारा पहली बार किया गया. इस ऑपरेशन में सर्जन डॉक्टर अजीत कुमार ,एनएसथेटिस्ट के तौर पर डॉक्टर दीपक ,डॉक्टर विकास और ओटी की पूरी टीम शामिल थी. मरीज का इलाज आयुष्मान योजना के अंतर्गत पूरी तरह से मुफ्त किया गया.इसमें कुछ अतिरिक्त संसाधनों की भी जरूरत पड़ी जो सदर अस्पताल प्रबंधन के तरफ से उपलब्ध कराई गई.
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