धनबाद(DHANBAD): रोंगटे खड़ी कर देने वाली साहिबगंज की घटना के तेरहवें दिन मिली खोपड़ी का सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम नहीं हो सका. यह खोपड़ी कई दिन पुरानी हो जाने से पोस्टमार्टम के लिए फॉरेंसिक जांच की जरूरत होगी. साहिबगंज में फॉरेंसिक जांच की सुविधा नहीं रहने के कारण डाक्टरों के बोर्ड ने उसे दुमका स्थित फूलों झा नो मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है. पुलिस को आशंका है कि यह खोपड़ी रुबिका की हो सकती है. घटना के 13 वे दिन बोरियों संथाली मौजा के पुराना शिवालय के पोखर से एक इंसानी खोपड़ी बरामद की गई है.कान की बाली को देखकर रुबिका की मां ने पुष्टि की है कि यह खोपड़ी रुबिका की ही है ,लेकिन पुलिस को इसमें संदेह है ,इसलिए पुलिस इसकी फॉरेंसिक जांच कराकर पुख्ता जानकारी हासिल कर लेना चाहती है .बीते 16 ,17 दिसंबर की रात को बोरियों के फाजिल टोला में रुबिका की गला दबाकर हत्या करने के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए उसके शव को छोटे-छोटे टुकड़ों में कर दिए गए थे. पुलिस ने जांच के दौरान मानव अंग के 18 टुकड़े बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था. इस मामले में रुबिका के पति दिलदार अंसारी समेत 10 आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है .पोखर में मछली मारने के दौरान बोरियों केवट टोला के मछुआरा सुनील केवट ने शनिवार को सबसे पहले इंसानी खोपड़ी को देख पुलिस को सूचना दी. बोरियो थाना पुलिस मौके पर पहुंची और इंसानी खोपड़ी को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा था. बता दें कि इस घटना ने मानव समाज को शर्मसार कर दिया है. खोपड़ी में कान की बाली से पुलिस को भी संदेह हो रहा है कि यह खोपड़ी रुबिका की हो सकती है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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