दुमका(DUMKA): रील लाइफ से लेकर रियल लाइफ तक मे आप लोगों ने पालकी को जरूर देखा होगा. हो सकता है आप में से कुछ लोग पालकी की सवारी भी जरूर किए होंगे. एक समय था जब पालकी अमीरी की पहचान और अमीरों के लिए शान की सवारी मानी जाती थी. रानी महारानी पालकी की सवारी करती थी. बदलते दौर में सजी धजी पालकी पर सवार होकर नव विवाहिता मायके से ससुराल जाती थी.
जिक्र जब पालकी की हो रही है तो आपने सुना ही होगा.. " हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की "। लेकिन आज हम एक ऐसे पालकी यात्रा बताने जा रहे हैं जिस पर सवार ना तो रानी महारानी है और ना ही नवविवाहिता. कन्हैया लाल के रूप में पालकी पर सवार है झारखंड सरकार और उसके मुखिया हेमंत सोरेन को अकसर आईना दिखाने वाले झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम. झामुमो के कद्दावर नेता लोबिन हेम्ब्रम बोरियो से विधायक है. लोबिन हेम्ब्रम सड़क से लेकर सदन तक हेमंत सोरेन को चुनावी वादा याद दिलाते रहते हैं। झारखंड बचाओ मोर्चा के बैनर तले एक बार फिर लोबिन ने अपनी ही सरकार को आइना दिखाया.
लोबिन की पालकी यात्रा
दर असल दुमका जिला के गोपीकांदर प्रखंड के दुर्गापुर फुटबॉल मैदान में झारखंड बचाओ मोर्चा के बैनर तले बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने एक जनसभा को सम्बोधित किया. जनसभा को सम्बोधित करने से पूर्व वे कारूडीह मोड़ पहुँचे जहां कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से अपने नेता का स्वागत किया. गुम्मा मोड़ पहुँचे लोबिन हेम्ब्रम ने सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उसके बाद शुरू हुई लोबिन की पालकी यात्रा.
पेसा एक्ट लागू करने की दी नसीहत
कार्यकर्ता गुम्मा मोड़ से लोबिन हेम्ब्रम को पालकी में बैठाकर दुर्गापुर स्थित जनसभा स्थल पहुंचे. बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए अपनी ही सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने 2019 के चुनाव के वक्त हेमंत सोरेन द्वारा जनता से किये गए वादा को याद दिलाया. लोबिन हेम्ब्रम ने राज्य सरकार को पेसा एक्ट लागू करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार रोजगर, नोकरी, स्थानीयता जैसे कई वादे किये लेकिन पूरा नहीं किया. कहा कि मैं पार्टी विरोधी नहीं हूं, मैं सरकार विरोधी नहीं हूं, मैं हेमंत सोरेन द्वारा किये गए वादे को याद दिला रहा हूं.
मजबूरी में बनाया झारखंड बचाओ मोर्चा नामक गैर राजनीतिक संगठन
लॉबिन ने कहा मजबूरी में झारखंड बचाओ मोर्चा नामक गैर राजनीतिक संगठन बनाना पड़ा. यदि झामुमो अपनी चुनावी वादों को पूरा कर लेती तो मुझे संगठन बनाने की जरूरत नहीं पड़ती. उन्होंने हेमंत सोरेन को अपना चुनावी वादा पूरा करने की हिदायत दी नहीं तो 2024 में उनका घमंड तोड़ने की बात कही. स्थानीय सांसद और विधायक से भी सवाल पूछ डाले. उन्होंने स्थानीय विधायक और सांसद को 2024 में अयाना दिखाने की बात जनसभा में कही। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने कहा था कि कम्पनी में 75 प्रतिशत स्थानीय को नौकरी मिलेगी, लेकिन नहीं मिली. उन्होंने कहा कि सरकार से उन सभी कम्पनी में कार्यरत स्थानीयों की सूची मांगी जो कार्य कर रहे लेकिन सरकार नहीं दे पाई. सिर्फ वृद्धा और विधवा पेंशन देने से नहीं होगा. यहां के मूल कवज है स्थानीय नीति और नियोजन नीति , खतियानी नीति लाए सरकार तब मैं मानू कि जो चुनाव से पहले वादा किया है वह पूरा किया. जिसके हाथ में खातियान है वही स्थानीय निवासी होगा.
जनता चाहेगी तो ज़रूर लड़ेंगे चुनाव
जब उनसे पूछा गया कि क्या आप 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा कि अगर जनता चाहेगी तो ज़रूर खड़े होंगे. लोबिन वही करेगा जो जनता जनार्दन चाहेगी। मैं पार्टी के लिए नहीं माटी के लिए काम करता हूं.
सड़क से सदन तक सरकार को आइना दिखाते रहे लोबिन हेम्ब्रम
शुरू से ही झामुमो के कद्दावर नेता और बोरियो विधानसभा से विधायक लोबिन हेम्ब्रम अपनी ही सरकार पर जम कर बरसते रहे हैं. सड़क से सदन तक सरकार को आइना दिखाते रहे है. दल में रहकर भी गैर राजनीतिक संगठन बना कर जनता के बीच पहुँच रहे हैं। उनकी जन सभा मे युवाओं की भीड़ भी उमड़ रही है. लोक सभा चुनाव लड़ने से इनकार भी नहीं कर रहे हैं. इसे देख कर तो यही लगता है कि विधायक लोबिन हेम्ब्रम फिलहाल संसद भवन तक पहुचने की तैयारी कर रहे हैं और राजमहल लोक सभा क्षेत्र उनका पसंदीदा सीट बनने वाला है. लोबिन के इस क्रिया के विपरीत झामुमो की क्या प्रतिक्रिया होती है यह देखना वाकई दिलचस्प होगा.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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