देश की सबसे बड़ी पुनर्वास योजना के संशोधित प्लान को मिली राज्य सरकार की मंजूरी,पढ़िए क्या क्या हुआ है चेंजेज
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धनबाद(DHANBAD): देश की सबसे बड़ी पुनर्वास योजना, झरिया कोयला क्षेत्र में चल रही है. संशोधित झरिया पुनर्वास योजना को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है. इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं. कट ऑफ डेट 2004 से बढ़ाकर 2019 कर दिया गया है. संशोधित पुनर्वास योजना से लाभुकों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी. आंकड़े के मुताबिक पहले लाभुकों की संख्या 53,291 थी जो अब बढ़कर 1,04,946 हो जाएगी.
झारखंड सरकार ने अपनी सहमति देकर इसे केंद्र को भेज दिया है. लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या में जमीन के वैध मालिकों के मुकाबले अवैध कब्जा धारियों की संख्या दोगुनी से अधिक होगी. पुनर्वास योजना के तहत कुल 33,985 मकानों का निर्माण किया जाना है. इसमें से 15,713 का निर्माण बीसीसीएल और 18,272 का निर्माण झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार को करना है. सूचीबद्ध लोगों को मकान के बदले पांच लाख का भुगतान किया जाएगा. पुनर्वास स्थल पर सभी नागरिक सुविधाएं पेयजल, स्कूल, चिकित्सा आदि की व्यवस्था करने का प्रावधान किया गया है. प्रभावित क्षेत्रों में अवैध कब्जा धारियों की संख्या 72,882 है जो जमीन के वैध मालिकों की संख्या के मुकाबले 2 गुना से अधिक है.
पुनर्वास योजना में जमीन के मालिकों और अवैध कब्जा धारियों को दी जाने वाली सुविधाओं में मामूली अंतर है. वैध को 50 वर्ग मीटर में बना हुआ मकान देने का प्रावधान किया गया है, जबकि अवैध कब्जा धारियों के लिए 39.92 वर्ग मीटर का मकान दिया जाएगा. मकान के आकार के अलावा बाकी सारी सुविधाएं एक समान होगी. अभी हाल ही में जब केंद्रीय कोयला मंत्री धनबाद आए थे तो धनबाद के जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की थी कि पुनर्वास विकास प्राधिकार पुनर्वास के काम में जूनियर अधिकारियों को लगा दिया गया है. जिससे काम की गति सही ढंग से नहीं चल रही है. इस पर कोयला मंत्री ने सुझाव दिया था कि धनबाद के सभी जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री से मिले और उनसे आग्रह करें कि बड़े अधिकारियो को इसमें लगाया जाए. इस बीच राज्य सरकार ने संशोधित झरिया पुनर्वास योजना को मंजूरी दे दी है. अब देखना है कि आगे इस काम को किस गति से बढ़ाया जा सकेगा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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