धनबाद(DHANBAD): नालसा के निर्देश पर इस साल के अंतिम नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन शनिवार को धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन राम शर्मा ने किया. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हर लोगों को सामाजिक, आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है. नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है. इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है. इसके साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है. लोगों मे प्रेम ,शाति ,समृद्धि और समरसता बनी रहे, यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है.
23 नवंबर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत लग रही है
उन्होंने कहा कि 23 नवम्बर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह मे किया जा रहा है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिए लगाई बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते. उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है. जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है. अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप मान ने कहा कि लोक अदालत में विवादों का तत्काल निपटारा होता है. उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां तत्काल प्रभाव में मामला निष्पादित हो जाता है और विवाद आगे नहीं बढ़ पाता.
17 बेंच का किया गया था गठन
मुकदमों के निपटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 17 बेंच का गठन किया गया था. जिनके द्वारा विभिन्न तरह के सुलहनीय विवादों का निपटारा किया गया. इस बाबत जानकारी देते हुए अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार निताशा बारला ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में 67 हजार 110 विवादों का निपटारा कर दिया गया तथा कुल 122 करोड़ 85 लाख 49 हजार 289 रूपए की रिकवरी की गई है. नेशनल लोक अदालत में बैंक लोन रिकवरी के 489, अपराधिक मामले 368, बिजली विभाग के 183 लेबर एक्ट के 22, मोटरयान दुर्घटना के 130 व अन्य विभिन्न तरह के 62 हजार 688 विवादों का निपटारा किया गया. मुकदमों के निष्पादन के लिए बनाए गए बैंच में कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश टी हसन, प्रेमलता त्रिपाठी, लेबर जज नीरज कुमार श्रीवास्तव, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार श्रीवास्तव, राजकुमार मिश्रा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप, अवर न्यायाधीश राजीव त्रिपाठी, आरती माला, राकेश रोशन, सिविल जज प्रतिमा उरांव, अंकित कुमार सिंह, प्रग्येश निगम, मनोज कुमार इंदवार, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष पियूष कुमार, पंचम कुमार सिन्हा, शिप्रा (कंजूमर फोरम) पैनल अधिवक्ता सोनिया कुमारी, सुधीर कुमार सिन्हा, संदीप कुमार, नीरज कुमार सिन्हा, जय राम मिश्रा, संजीव पांडे, संतोष कुमार गुप्ता, विनोद कुमार, तारक नाथ, जितेंद्र कुमार, जमशेद काजी, अरविंद कुमार सिन्हा, प्रीतम कुमार ,नीरज कुमार,सुभाष चंद्रा ,पंचानंद सिंह डालसा सहायक ,सौरव सरकार, अरुण कुमार, संजय सिन्हा, अनुराग पांडे, अक्षय कुमार, हेमराज चौहान ,चंदन कुमार, राजेश कुमार सिंह डीपेंटी गुप्ता, गीता कुमारी, समेत अन्य लोग मौजूद थे.
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