रांची(RANCHI): जनजातीय परामर्श दात्री परिषद यानी पीएसी के गठन को लेकर विवाद है. भले टीएसी की बैठक हाल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की लेकिन राजभवन को इसके प्रारुप पर ऐतराज है. सामान्य रूप से जो संविधान के तहत अनुसूचित क्षेत्र होते हैं, वहां पर राज्यपाल की भूमिका एक संरक्षक की होती है. टीएसी के पुनर्गठन में राज्यपाल की भूमिका को दरकिनार कर दिया गया है. इसी पर राज्य भवन को आपत्ति है. इससे संबंधित प्रस्ताव पर राजभवन ने सरकार से क्वेरी की है. सत्ता पक्ष का मानना है कि मुख्यमंत्री टीएसी के अध्यक्ष होते हैं. राज्यपाल भले राज्य के संवैधानिक प्रमुख हों, लेकिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में टीएसी कार्य करती है. सरकार की ओर से एक बार फिर से इस संबंध में कल्याण विभाग माध्यम से राजभवन को सारे तथ्यों से अवगत कराया जाएगा, इसको लेकर आगे विवाद बढ़ सकता है, ऐसा राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं.
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