रांची(RANCHI): हेमंत सरकार ने 11 नवंबर को विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है.इस संबंध में विधानसभा सचिवालय ने वारंट जारी कर दिया है.सभी विधायकों को इसकी सूचना दे दी गई है. झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र पिछले मानसून सत्र का हिस्सा होगा. क्योंकि पिछले मानसून सत्र का अवसान नहीं हुआ था. गत 5 सितंबर को भी बहुमत साबित करने के लिए एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था. वह भी मानसून सत्र का हिस्सा था.
दरअसल, कोई भी सत्र जब आहूत होता है तब उसकी अनुमति कैबिनेट से ली जाती है.जब सत्र खत्म होता है तब स्पीकर उस संबंधित सत्र के संपन्न होने और विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने की घोषणा करते हैं. मानसून सत्र के संपन्न होने की घोषणा नहीं की गई. इसे स्थगित किया गया था.यानी यह फिर से आहूत हो सकता है. इसके लिए कैबिनेट की स्वीकृति और राज्यपाल के द्वारा अधिसूचित करने की जरूरत नहीं है.
5 सितंबर को बुलाए गए सत्र को भी मानसून सत्र का हिस्सा माना गया. उस एक दिवसीय विशेष सत्र का भी समापन नहीं हुआ. सिर्फ स्थगित किया गया. अब जो 11 नवंबर को होने वाले सत्र के लिए भी ना तो कैबिनेट की स्वीकृति की जरूरत है और ना ही राजभवन से अधिसूचित होने की. ऐसा संभव है.यह किसी भी तरह से गलत नहीं है.बस ऐसा पहली बार हो रहा है. यूं कहें कि दूसरी बार हो रहा है. यानी 5 सितंबर को जो हुआ और अब 11 नवंबर को जो सत्र होगा वह भी. भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि यह झारखंड में हो रहा. वैसे यह असंवैधानिक नहीं है.
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