पारस अस्पताल का नया कीर्तिमान : दूरबीन से की गई घुटने के लिगामेंट की सर्जरी


रांची(RANCHI): राजधानी रांची स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रहा है. स्वास्थ्य क्षेत्र में रांची के आगे होने के पीछे रांची के सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पारस हॉस्पिटल का अहम योगदान रहा है. यह अस्पताल रोज नए-नए कीर्तिमान हासिल कर रहा है. ऐसा ही एक और नया कीर्तिमान पारस अस्पताल ने बनाया है जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है.
दरअसल, धुर्वा के पारस अस्पताल में 45 वर्षीय मरीज़ के घुटने के लिगामेंट की दूरबीन से सफल सर्जरी की गई है. इस तरह की सर्जरी को आर्थोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी कहा जाता है जो कि देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही की जाती है.
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पैर के घुटने की शिकायत ले कर आया था मरीज
इस केस के बारे में जानकारी देते हुए पारस एचईसी अस्पताल के हेड व सीनियर कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ अंकुर सौरव ने बताया कि जब हमारे पास मरीज आया तो उसने अपने बाएं पैर के घुटने में शिकायत बताई थी. जांच और एमआरआई में पता चला कि साल भर पहले गिर जाने की वजह से घुटने का लिगामेंट क्षतिग्रस्त हो गया है. इस मरीज के लिगामेंट क्षतिग्रस्त होने से दिनचर्या पर काफी प्रभाव हुआ था, क्योंकि मरीज के दोनों कंधे पोलियो से प्रभावित हैं, जिसके कारण मरीज के दोनों पैरों का सुचारू रूप से काम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. मरीज अपने दिनचर्या के कई कार्यों के लिए अपने पैरों पर ही निर्भर है. मरीज की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने सर्जरी करने का फैसला लिया. जिसके बारे में मरीज को काउंसिल किया गया और दूरबीन के जरिए एक छोटे सा छेद (key hole) कर, इस सर्जरी को सफलतापूर्वक किया गया.
दूरबीन के जरीए की गई सर्जरी
इस सर्जरी के बारे में बताते हुए ऑर्थोपेडिक सर्जन, डॉ कुमार विशाल ने बताया कि आर्थरोस्कोपिक सर्जरी दूरबीन के जरिए की जाती है जिसमे एक छोटा सा छेद किया जाता है. इस सर्जरी में मरीज की रिकवरी जल्दी होती है. इस तरह की सर्जरी के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है जिससे की आगे कोई कॉम्प्लिकेशंस ना आएं. सर्जरी के 2 दिन बाद ही मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज दे दिया गया. अब मरीज़ पहले की तरह ही अपने घुटने के सहारे चल पा रहा है और अपने रोजमर्रा का काम कर पा रहा हैं.
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