रांची(RANCHI): रांची शहर की में पहचान के तौर पर बड़ा तालाब का अक्सर नाम लिया जाता है. यह रांची झील के नाम से भी जाना जाता है. इसे विवेकानंद सरोवर भी कहते हैं. बड़ा तालाब की साफ सफाई एक चुनौती पूर्ण कार्य है. पिछले दिनों रांची के सांसद और देश के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने तालाब की सफाई के लिए मशीन के वास्ते सीसीएल से 7 करोड रुपए की मंजूरी दिलवाने में सहयोग दिया था. अब सवाल यह उठ रहा है कि इस भारी भरकम मशीन के मेंटेनेंस पर भी करोड़ों रुपए खर्च होने हैं. इसके लिए रांची नगर निगम के पास पैसा नहीं है. रांची नगर निगम ने हाथ खड़े कर दिए.
फिर क्या हो सकता है बड़ा तालाब के लिए
रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को बताया कि सीसीएल के माध्यम से मशीन तो मिल जाएगी लेकिन उसके रखरखाव के लिए निगम के पास फंड नहीं है. तब फिर किसी दूसरे विकल्प पर विचार किया गया. रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा और रांची नगर निगम के नगर आयुक्त अमीत कुमार ने वाराणसी में कई तालाबों के ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट का हवाला दिया. इसका सफल प्रयोग हुआ है कई तालाबों की साफ सफाई हो पाई है उसकी दुर्गंध दूर हो पाई है. गुजरात में भी इस ट्रीटमेंट का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया है. रांची के सांसद और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि काशी नगर निगम से भी संपर्क किया गया है.12 जुलाई को रांची नगर निगम की टीम वाराणसी जाएगी. रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी उसी दिन वाराणसी जाकर तालाबों की सफाई के लिए ट्रीटमेंट सिस्टम को जानेंगे. संजय सेठ ने बताया कि स्टेटमेंट पर भी सात आठ करोड रुपए का खर्चा आएगा अगर इससे लाभ होगा तो यह किया जाएगा. इसके लिए भी सीसीएल के सीएसआर फंड से आर्थिक मदद रांची नगर निगम को दिलाई जाएगी. पूर्व में भी मशीन खरीदने के लिए इसी फंड से सहायता देने का आश्वासन सीसीएल से मिला था.
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