धनबाद(DHANBAD): तो क्या 24 घंटे में झारखंड मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा?क्या 12वे मंत्री का पद भर लिया जाएगा? क्या कांग्रेस का सीएलपी लीडर नामित हो जाएगा? क्या विधानसभा चुनाव की रणनीति बन जाएगी? यह सब सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक होगी. इस बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी शामिल होंगे .इसमें सभी विधायकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है .इसके बाद से झारखंड में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है.
बैठक में होंगे कई अहम फैसले
वैसे तो हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद ही सियासी सर गर्मी तेज है. यह सर गर्मी एक पक्ष में नहीं दिख रही है बल्कि दूसरे पक्ष में भी इसी तरह की सर गर्मी है. झारखंड सरकार भी चुनावी मोड में दिख रही है. माना जा रहा है कि इस बैठक में आलमगीर आलम की जगह मंत्री पद का फाइनल निर्णय हो जाएगा. कांग्रेस के सीएलपी लीडर का फैसला हो जाएगा. खाली 12वे मंत्री के पद पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा. यह भी हो सकता है की बैठक में इंडिया गठबंधन विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति को फाइनल स्वरूप दे दे. वैसे तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा है कि जल्द ही पार्टी की केंद्रीय समिति की भी बैठक होगी. इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन होगा.
गठबंधन के विधायकों की बैठक बुलाई जाने के बाद कई तरह की चर्चाएं चल रही
कांग्रेस की ओर से भी सभी विधायकों को मौजूद रहने को कहा गया है. विधायकों को यह भी कहा गया है कि 5 माह बाद हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए हैं. और वह गठबंधन के विधायकों से मिलकर राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा करना चाहते हैं. गठबंधन के विधायकों की बैठक बुलाई जाने के बाद कई तरह की चर्चाएं चल रही है. इसके पहले हेमंत सोरेन ने हिरासत में लिए जाने के पहले विधायकों की बैठक बुलाई थी. बैठक में हेमंत सोरेन को कोई भी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया था. तब हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया था. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि चंपई सोरेन सरकार में कैबिनेट विस्तार का मामला अटका हुआ है. आलमगीर आलम के टेंडर घोटाले में जेल जाने के बाद कांग्रेस कोटे के मंत्री का एक पद खाली है. आलमगीर आलम की जगह जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी का नाम आगे चल रहा है. खाली पड़े 12 वे मंत्री का पद भी भरे जाने की चर्चा है. 12वें मंत्री का पद गठबंधन की सरकार में भी अभी तक खाली है. जबकि अब इसी साल विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं. रघुवर दास की सरकार में भी 12वां पद खाली था. उस वक्त भी रह रहकर चर्चाएं होती थी. लेकिन यह पद खाली ही रह गया. हो सकता है कि गठबंधन सरकार के कामकाज पर भी इस बैठक में चर्चा हो.
चुनाव की दृष्टिकोण से भी यह बैठक महत्वपूर्ण हो सकती है. यह भी संभावना है कि किसी भी निर्णय के लिए हेमंत सोरेन को अधिकृत किया जा सकता है.इसके पहले भी सभी विधायकों ने हस्ताक्षर कर हेमंत सोरेन को अधिकृत किया था. झारखंड में विधानसभा चुनाव समय से पहले होने की भी चर्चा है. जेल से छूटने के बाद हेमंत सोरेन हर जगह इसकी चर्चा कर रहे हैं. कह रहे हैं कि चुनाव अगर कल करना हो तो आज ही कोई भी करा सकता है. झारखंड में भाजपा का सुपड़ा साफ होकर ही रहेगा. 2024 के लोकसभा चुनाव में पांच आदिवासी सीटों पर इंडिया ब्लॉक ने सफलता हासिल की है. इससे इंडिया ब्लॉक उत्साहित है तो एनडीए इसकी काट खोज रहा है. विधानसभा चुनाव में भी आदिवासी आरक्षित सीट महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इन सीटों पर जो बाजी मरेगा वह सरकार बनाने में सफल हो सकता है. 2019 के चुनाव में झारखंड के 28 आदिवासी सीटों पर केवल दो सीट पर ही भाजपा जीत पाई थी. इस वजह से आदिवासी सीटों को लेकर भाजपा के कान खड़े हैं, तो इंडिया गठबंधन भी इन सीटों पर नजर गड़ाए हुए हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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