रांची (RANCHI) : इश्क और दोस्ती का नशा इतना गहरा होता है कि या तो वह किसी की जिंदगी सवार देता है या फिर किसी की जिंदगी पूरी तरह उजाड़ लेता है. ऐसा ही मामला रांची के बुडमु से सामने आया है. एक हट्ठा कट्ठा नौजवान युवक दीपक सिंह ने अपने ही घर में आत्महत्या कर ली. वजह था प्यार. दीपक एक लड़की से बेहद प्यार करता था, उससे शादी करना चाहता था. उसके लिए दीपक मन लगा कर दिन रात पढ़ाई कर रहा था. दीपक एमबीए करने के बाद नौकरी लेकर खूब कमाना चाहता था. उसका सपना था की वह नौकरी लेकर लड़की के लायक बने और फिर उससे शादी करे. लड़की को पाने के जुनून में वह अच्छे रास्ते पर तो था लेकिन इस रास्ते का अंत बेहद दर्दनाक साबित हुआ. इस आत्महत्या का जिम्मेदार प्यार के अलावा दोस्त और एक मौलाना को भी बताया जा रहा है.
क्या है मामला
दीपक को शुरू से पढ़ने का शौक था. उसने अपनी स्कूली शिक्षा रांची के डॉन बोस्को स्कूल से प्राप्त की. इस दौरान उसे एक युवती से प्यार हो गया. प्यार दोनों तरफ से था. काफी दिनों तक दोनों का प्रेम प्रसंग भी चला. लेकिन दिन बीते और आगे की पढ़ाई के कारण दोनों को अलग होना पड़ा. लगभग 10 वर्षों तक प्रेम प्रसंग चलने के बाद दोनों की बातचीत बंद हो गई. लड़की नौकरी के सिलसिले से बैंगलौर चली गई. इस बीच दीपक यहां तड़पता रहा. उसने अपनी बेचैनी अपने दोस्तों के साथ शेयर की. पहले तो एक दोस्त बंगाली को दीपक ने अपने दिल का हाल बताया. वह दोस्त दीपक को अपने साथ कोलकाता ले गया और एक तांत्रिक से मिलवाया. उस तांत्रिक ने कुछ तंत्र के जरिये लड़की को दिल से बाहर निकालने का दावा किया. तांत्रिक ने उसे दावा किया कि वह उसे भूल जाएगा और सब पहले के जैसा हो जाएगा. लेकिन तंत्र के बाद दीपक और ज्यादा परेशान रहने लगा. इस दौरान दीपक के मन में युवती की बलि चढ़ाने तक का ख्याल आया. वह काफ़ी दिनों तक डिप्रेशन में रहा. कुछ दिन बीते तो दीपक ने फिर एक बार अपने बचपन के दोस्त नसीम से सारी बातें बताई. तब नसीम ने उसे भरोसा दिलाया कि वह उसे ठीक करा देगा.और लड़की भी उसे मिल जाएगी. नसीम ने दीपक को एक मौलाना से मिलवाया. फिर यहां से उसके साथ पैसे के लूटन का खेल शुरू हुआ. मौलाना ने दीपक से लगभग 60 से 70 हजार रुपये ठग लिया. जिसके बाद भी काम नहीं बना तो मौलाना ने दीपक पर धर्म परिवर्तन का दबाव भी डाला. लेकिन इन सब से भी लड़की के मन में दीपक के लिए प्यार नहीं आया. फिर क्या था, दीपक इस सच्चाई को नहीं अपना पाया और रेंट के घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया. बता दें कि आत्महत्या के पहले दीपक ने व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाया था. जिसमें लिखा अलविदा दोस्तों मौलाना और नसीम को याद रखा जाएगा.
दीपक ने इस्लाम धर्म अपनाने को कहा
दीपक के इस कदम से उसके परिवार वालों को सदमा लगा है. दीपक के भाई ने बताया कि दीपक शुरू से हिंदू धर्म के सभी पर्व त्योहार में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेता था. लेकिन कुछ दिनों से वह लोगों को इस्लाम धर्म के बारे में बताने लगा. वह लोगों को कहता था कि इस्लाम धर्म अपना लो वह भी अपना रहा है.
पिता के लड़खड़ाए कदम
दीपक के पिता रिटायर BSF के जवान हैं. जवान बेटे की मौत की खबर मिलते ही उनके पैर लड़खड़ा गए. बूढ़े बाप ने किसी तरह हिम्मत रखते हुए अपने बेटे के इंसाफ के लिए थाना में आवेदन दे कर इंसाफ की गुहार लगाई है.
बहन रहती थी साथ
वहीं दीपक के साथ रांची में रहकर पढ़ाई करने वाली छोटी बहन बताती है कि दीपक से मिलने उसकी प्रेमिका हमेशा रूम आती थी. जब प्रेमिका आती थी तो वह बहुत खुश रहते थे. लेकिन कुछ दिन से दीपक टेंशन में रहने लगा था. दीपक खाना तक नहीं खाता था. सब से हमेशा झगड़ा करने के लिए तैयार रहता था. लेकिन मंगलवार को जब उसका स्टेटस देख मौसी ने फोन किया तो अपने भाई के रूम में देखा तो वह पंखे से लटका हुआ मिला.
मां लगा रही कार्रवाई की गुहार
दीपक के घर चीख पुकार मच गयी.आस पास के लोगों को यह जानकारी मिली तो वह भी घर पहुंचे. दीपक की मां रोते हुए पुलिस से गुहार लगा रही है कि जैसा उनके बेटे के साथ हुआ किसी और के साथ ना हो. पुलिस दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें.
रिपोर्ट : समीर हुसैन, रांची
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