धनबाद(DHANBAD) : हवाई जहाज और सड़क मार्ग से यात्रा करने में आर्थिक वजह से कमजोर लोगों का क्या अब रेलवे भी साथ छोड़ देगा? क्या रेलवे का भी पूरी तरह से निजीकरण हो जाएगा? क्या ट्रेन अब देश की "लाइफ लाइन" नहीं रहेगी. यह सब कुछ ऐसे सवाल हैं, जो संसद की स्थाई समिति की अनुशंसा के बाद उठ रहे है. संसद की स्थाई समिति ने पैसेंजर सेग्मेंट में बढ़ रहे घाटे को कम करने के उपाय तो बताए हैं, लेकिन इससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का ट्रेन का साथ छिन जाने का भी खतरा है. समिति ने एसी क्लास के किराए की समीक्षा करने की सिफारिश की है. मतलब समिति की अनुशंसा है कि एसी क्लास के किराए में बढ़ोतरी होनी चाहिए.
जनरल क्लास में यात्रा सस्ती रखने का भी है सुझाव
हालांकि समिति ने यह भी कहा है कि जनरल क्लास में यात्रा सस्ती बनी रहनी चाहिए. वैसे, तो रेलवे अब प्रीमियम ट्रेनों में धीरे-धीरे जनरल बोगी हटा रहा है और उसकी जगह स्लीपर और एसी बोगियां जोड़ी जा रही है. 2024-25 में अनुमान के अनुसार रेलवे को माल ढुलाई से 1.8 लाख करोड रुपए की आमदनी हो सकती है. जबकि पैसेंजर राजस्व में केवल 80,000 करोड़ आने का अनुमान है. इसलिए समिति ने एसी क्लास में किराए में बढ़ोतरी का सुझाव दिया है. समिति का सुझाव है कि माल ढुलाई और पैसेंजर सेग्मेंट के बीच राजस्व में अधिक असमानता नहीं रहे. वैसे भी रेलवे की कई व्यवस्थाएं निजी हाथों में चली गई है. हाल के वर्षों में कई बदलाव की वजह से भी ट्रेन यात्रा महंगी हुई है. भारतीय रेलवे को देश की "लाइफ लाइन" कहा जाता है. यह लाइफ लाइन है भी.
आंकड़ा-2 करोड़ 40 लाख लोग रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं
करीब 2 करोड़ 40 लाख लोग रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं. भारतीय रेल दुनिया का चौथा सबसे विशाल रेलवे नेटवर्क है. भारत में हर दिन लगभग 22,593 ट्रेनें संचालित होती हैं. इनमें 13,452 यात्री ट्रेनें हैं, जो करीब 7,325 स्टेशनों को कवर करती हैं. इन यात्री ट्रेनों से रोजाना 2.40 करोड़ यात्री सफर करते हैं. ट्रेनों की इस संख्या में मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर सभी तरह की ट्रेनें शामिल हैं.इसके अलावा, भारतीय रेलवे माल ढुलाई के लिए हर दिन 9141 ट्रेनें चलाता है. जिसके जरिए देश के कोने-कोने तक जरूरी सामानों की आपूर्ति की जाती है. रेलवे रोजाना लगभग 20.38 करोड़ टन माल ढोता है. वहीं, मालगाड़ी और यात्री रेलगाड़ियाँ मिलकर प्रतिदिन लगभग 67,368 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं.हाल के दिनों में रेलवे ने कई बदलाव किये है. बदलाव का यह क्रम अभी भी जारी है. देखना होगा कि आगे और किस किस तरह के बदलाव किये जाते है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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