धनबाद(DHANBAD) : कारण चाहे जो भी हो, लेकिन धनबाद पर रेलवे ने "कृपा" दिखानी शुरू की है. यह अलग बात है कि अभी यह सब प्रस्ताव है. धनबाद रेल मंडल के प्रपोजल पर पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय भी सहमत दिख रहा है. यह अलग बात है कि धनबाद से नई ट्रेन के लिए रेलवे की बहुत किरकिरी हो चुकी है. धनबाद राजस्व के मामले में रेलवे का सिरमौर होने के बावजूद भी धनबाद को नई ट्रेन नहीं मिलती है. कभी कहा जाता है कि धनबाद लोडिंग स्टेशन है, इसलिए अगल-बगल के स्टेशनों से ट्रेन दी जाती है. लेकिन हाल के दिनों में रेलवे धनबाद के प्रति सकारात्मक दिख रहा है. धनबाद से गांधीधाम के लिए नई ट्रेन चलने की उम्मीद जगी है. धनबाद रेल मंडल ने हाजीपुर मुख्यालय के जरिए रेलवे बोर्ड को नई ट्रेन चलाने का प्रपोजल भेजा है.
धनबाद से गांधीधाम या भुज के लिए साप्ताहिक ट्रेन मांगी गई है
धनबाद से गांधीधाम या भुज के लिए साप्ताहिक ट्रेन मांगी गई है. संतोष की बात है कि धनबाद डिवीजन के प्रपोजल पर जोनल मुख्यालय का रुख सकारात्मक है और बहुत जल्द इस पर मुहर लगने की उम्मीद है. इतना ही नहीं, धनबाद जम्मू तवी गरीब रथ स्पेशल की बोगियों से नई ट्रेन चलाने का भी प्रस्ताव भेजा गया है. सूत्र बताते हैं कि धनबाद डिवीजन ने धनबाद स्टेशन से गुजरात की ट्रेनों में होने वाले आरक्षण और वेटिंग को आधार बनाते हुए गांधीधाम या भुज के लिए नई ट्रेन की मांग की है. धनबाद से फिलहाल गरीब रथ स्पेशल सप्ताह में दो दिन जम्मू तवी जा रही है. 20 बोगियों से स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. गरीब रथ की बोगियों से ही धनबाद से जयनगर के बीच स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. नवंबर के बाद इसी रैक से गुजरात के लिए ट्रेन चल सकती है.
गुजरात ,छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र को भी करेंगी कनेक्ट
धनबाद मंडल के प्रस्ताव का अगर आकलन किया जाए, तो कहा गया है कि धनबाद से गांधीधाम या भुज के लिए चलने वाली ट्रेन का जो रूट प्रस्तावित है, उसके अनुसार ट्रेन धनबाद से आगे कतरास, चंद्रपुरा, रांची, राउरकेला, झारसुगुड़ा होते हुए बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, नागपुर, बड़ोदरा, अहमदाबाद होते हुए गांधीधाम और भुज पहुंचेगी. यानी गुजरात के साथ-साथ यह ट्रेन छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के भी कई शहरों को सीधे तौर पर धनबाद से जोड़ेगी. धनबाद से गुजरात के किसी स्टेशन के लिए एक भी ट्रेन नहीं चलती है. बंगाल के अलग-अलग स्टेशनों से धनबाद होकर गुजरात के अलग-अलग स्टेशन के लिए तीन साप्ताहिक ट्रेन चलती है. इसमें आसनसोल-भावनगर पारसनाथ एक्सप्रेस, कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस और हावड़ा-गांधीधाम गरबा एक्सप्रेस शामिल है. तीनों ट्रेनों में अगले दो महीने तक किसी भी दिन किसी भी क्लास में एक भी सीट खाली नहीं है. देखना है कि इस प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड का रुख क्या होता है. अगर यह ट्रेन चली तो धनबाद के लिए उपलब्धि कहीं जा सकती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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