धनबाद(DHANBAD): धनबाद से टाटानगर और टाटानगर से धनबाद के बीच चलने वाली स्वर्ण रेखा एक्सप्रेस बहुत जल्द ही इतिहास बन जाएगी . एक बार नहीं लेकिन किश्तों में इसका अस्तित्व रेलवे की सूची से मिट जाएगा. रेलवे बहुत चतुराई से इस पर काम कर रहा है. परिणाम अगले महीने 8 नवंबर से दिखने लगेगा. धनबाद से पटना जाने वाली सबसे अधिक लोकप्रिय गंगा दामोदर एक्सप्रेस को ही टाटानगर तक चलाने की तैयारी है. लोगों का विरोध नहीं हो ,इसलिए अभी गंगा दामोदर और स्वर्ण रेखा दोनो नाम जीवित रहेंगे,आगे चल कर स्वर्ण रेखा का नाम इतिहास बन जाएगा.
यह व्यवस्था अगले महीने शुरू होगी. अभी तो यही कहा जा रहा है कि पटना से धनबाद गंगा दामोदर ट्रेन आएगी और फिर यही ट्रेन धनबाद से टाटानगर स्वर्ण रेखा एक्सप्रेस बनकर जाएगी. यानी नाम कुछ घंटों के लिए बदल जाएगा. ट्रेन वही रहेगी, रैक वही रहेंगे . सूत्रों के अनुसार गंगा दामोदर में 8 नवंबर से एलएचबी रैक लग रहा है. पटना से चलकर गंगा दामोदर सुबह 5:15 बजे धनबाद आएगी. धनबाद स्टेशन पर 10 मिनट रुकने के बाद सुबह 5:25 बजे स्वर्णरेखा बनाकर टाटानगर के लिए रवाना होगी. मतलब पटना से टाटानगर जाने वाले यात्री अगर इसमें रिजर्वेशन कराएंगे तो बिना ट्रेन बदले वह 11:20 बजे टाटानगर पहुंच जाएंगे .रेलवे ने डाउन में स्वर्ण रेखा की टाइमिंग में भी बदलाव कर दिया है. स्वर्ण रेखा एक्सप्रेस 8 नवंबर से दोपहर 1:40 के बजाय टाटानगर से 3:50 खुलेगी और रात के 11:00 बजे धनबाद पहुंचेगी .धनबाद में 10 मिनट रुकने के बाद गंगा दामोदर बनकर पटना चली जाएगी. एक्सपर्ट रेलवे के इस प्रयास को अघोषित रूप से गंगा दामोदर का टाटानगर तक विस्तार मान रहे हैं. ट्रेनों के नाम और नंबर भले ही अलग-अलग होंगे लेकिन ट्रेन की बोगी एक ही रहेंगी. हम कह सकते हैं कि धनबाद के यात्रियों को पटना जाने के लिए अधिक सीटों की आरक्षण की जो सुविधा थी, वह छीन जाएगी, क्योंकि टाटानगर पुरुलिया , आद्रा के यात्री भी गंगा दामोदर में रिजर्वेशन करा पाएंगे.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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