धनबाद(DHANBAD): झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की गिरती कीमत और देश में पेट्रोल डीजल के मूल्य में स्थिरता को लेकर ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 32% तक की गिरावट आई है. लेकिन देश में पेट्रोल, डीजल की कीमतें जस की तस बनी हुई है. उनका दावा है कि सरकार अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से ही अगर कीमतों का निर्धारण करती है तो पेट्रोल और डीजल की कीमत ₹18 प्रति लीटर तक कम हो जानी चाहिए. यह बात भी सच है कि पेट्रोल- डीजल की बढ़ती कीमतों ने लोगों को परेशान कर दिया है. ढुलाई में लगने वाले डीजल की कीमत बढ़ने से सामानों के दाम में इजाफा हो गया है. अगर आप छोटे-छोटे शहरी बाजार की बात करें तो दुकानदार कहते हैं कि ढुलाई और आने-जाने का खर्च इतना अधिक बढ़ गया है कि अधिक कीमत पर सामान बेचना मजबूरी हो गई है. यह तो हुई जनता की परेशानी लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के ट्वीट के बाद सवाल हो रहा है कि झारखंड में उनकी सरकार है, अगर वह वैट कम करा सके तो कम से कम झारखंड के लोगों का बहुत भला होगा.
रघुवर सरकार ने दिया था रिबेट
बता दें कि 22% वैट की दर तत्कालीन रघुवर सरकार ने 24 फरवरी 2015 को लागू किया था लेकिन 2018 में प्रति लीटर ढाई रुपए छूट देने की घोषणा की थी. इससे आमजन को राहत मिली थी लेकिन वर्तमान झारखंड की हेमंत सरकार ने कार्यभार संभालते ही छूट को खत्म कर दिया. लोग याद दिला रहे हैं कि राजस्थान ,छत्तीसगढ़ सरकार ने वैट में कमी की लेकिन झारखंड सरकार ने वैट में कोई कमी नहीं की. झारखंड में बिक्री मूल्य पर 22% या 12.50 रुपए प्रति लीटर (जो अधिक हो) के अतिरिक्त ₹1 प्रति लीटर सेस निर्धारित है, जबकि बिहार में 16.37% या 12.33 रुपया प्रति लीटर (जो अधिक हो) दर लागू है. उत्तर प्रदेश में यह दर 17.8% या ₹10 . 41 प्रति लीटर (जो अधिक हो) लागू है. इसी प्रकार पश्चिम बंगाल में 17% या 7.70 रुपये (जो अधिक हो ) लागू है. उत्तर प्रदेश में यह दर 17.8% या ₹10 . 41 प्रति लीटर (जो अधिक हो) लागू है. इसी प्रकार पश्चिम बंगाल में 17% या 7.70 रुपये (जो अधिक हो ) लागू है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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