रांची(RANCHI): झारखंड में ED की कार्रवाई तेज है. विधायकों का बुलावा ईडी दफ्तर में हुआ. लेकिन ईडी में हाजिर होने के दिन ही तीनों विधायक पेश नहीं हुए. इरफान बीमार हो गए,राजेश को निजी काम पड़ गया तो वहीं तीसरे ईमेल का पासवर्ड भूल गए. दरअसल कैश कांड मामले में पूछताछ के लिए तीनों विधायकों को अलग अलग तारीख में ईडी ने बुलाया था. लेकिन ठीक हाजिर होने वाले तारीख पर ही विधायक जी नदारत हो गए. अब ईडी फिर से तीनों विधायक को नोटिस भेज सकती है.
डॉ इरफान अंसारी ने तबीयत खराब होने का दिया हवाला
13 जनवरी को डॉ इरफान अंसारी को ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. विधायक जी पहले तो बोल रहे थे की उन्हें कोई नोटिस नहीं मिली है. वह 12 जनवरी देर रात तक लोगों का इलाज कर रहे थे. लेकिन जब सुबह हुई तो डॉक्टर साहब खुद बीमार हो गए. डॉक्टर साहब के वकील ईडी दफ्तर पहुंचे और कहा हुजूर विधायक जी की तबीयत खराब है. आप उन्हें दो सप्ताह का समय दे दीजिए.
राजेश कच्छप को पड़ा जरूरी काम
इसके अलावा 16 जनवरी को राजेश कच्छप को हाजिर होने का आदेश था. लेकिन यह साहब को उसी दिन जरूरी काम पड़ गया. वह जल्दबाजी में दिल्ली रवाना हो गए. इनके भी वकील ईडी दफ्तर पहुंचे और कहा हुजूर विधायक जी को कोई निजी काम से बाहर जाना पड़ गया. वह हाजिर नहीं हो सकते हैं आप ऐसा कीजिए दो हफ्ते का समय दे दीजिए.
नमन विक्सल भूल गए मेल का पासवर्ड
अब 17 जनवरी को तीसरे विधायक जी की बारी थी. सभी को उम्मीद थी की यह तो यहीं है कहां जाएंगे. अपना पक्ष रखने जरूर ईडी दफ्तर पहुँच जाएंगे. सभी ईडी के अधिकारी दफ्तर के अंदर और मीडिया कर्मी बाहर इंतजार कर रहे थे. साहब कब आएंगे,लेकिन जो अन्य विधायकों ने किया इन्होंने भी वही किया. हाजिर नहीं हुए अधिवक्ता फिर पहुंचे और कहा विधायक जी को मेल के जरिए नोटिस भेजा गया था लेकिन वह अपने मेल का पासवॉर्ड भूल गए हैं. इसी वजह से वह नोटिस नहीं देख सके हैं. आप दो सप्ताह का समय दे दीजिए.
बता दें कि कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, नमन विक्सल कॉंगड़ो और राजेश कच्छप 30 जुलाई को कोलकाता में 47 लाख रुपये के साथ पकड़े गए थे. तीनों विधायक के पकड़े जाने के बाद कांग्रेस के ही विधायक अनूप सिंह ने अरगोड़ा थाना में एक ज़ीरो FIR दर्ज कराया. केस में बताया गया की तीनों विधायक सरकार को अस्थिर करने में लगे थे. मंत्री पद और दस करोड़ रुपये का लालच देकर विधायकों को तोड़ने में लगे हैं. इस मामले में तीनों विधायक तीन माह तक बंगाल के जेल में बंद रहे. इस दौरान बंगाल पुलिस से CID ने केस को हैंड ओवर लिया और जांच शुरू की. इसके बाद अब ईडी इस केस की जांच कर रही है. इसी यह जानने की कोशिश कर रही है की आखिर जो 10 करोड़ रुपये की बात सामने आई है कौन किसे दें रहा था. इसी कड़ी में विधायक अनूप सिंह से भी 24 दिसंबर को ईडी पूछताछ कर चुकी है.
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