टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस शुभ घड़ी का समय करीब आता जा रहा है. इस बीतते वक्त में रामनगरी पावनमय होती जा रही है. इस एतिहास पल और कार्यक्रम का गवाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी बनेंगे. सभी तैयारियां और इंतजाम तेजी से किया जा रहा है. ताकि किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रह जाए और न ही किसी तरह की कोई खलल हो.
देश भर से लोग यहां पहुंचेंगे और इस भव्य आयोजन का गवाह बनेंगे. लेकिन, एक दिलचस्प और गर्व करने की बात ये है कि इस ऐतिहासिक समारोह में झारखंड के हजारीबाग शहर से महावीरी पताका जाने वाला है. सभी को मालूम है कि हजारीबाग की रामनवमी दुनिया भर में मशहूर मानी जाती है . इस दौरान शहर झंडों से पट जाता है. हैरानी होगी कि इस पर्व में मुस्लिमों की भी ब़ड़ी भागीदारी होती है. शहर में तो कई पीढ़िया है, जो इस काम में लगे हुए हैं. अब यहां का महावीरी झंडा अयोध्या में राम लला के दर पर फहराया जाएगा.
हजारीबाग से अयोध्या जाएगा महावीरी झंडा
हजारीबाग की रामनवमी औऱ यहां का महावीरी झंडा की पहचान दुनिया भर में हैं. इसी शहर से ही 100 फीट विशाल पताका बना रहें है. जिसे एक हिंदु और मुस्लिम करीगर मिलकर बना रहे हैं औऱ कोमी एकता की मिसाल दे रहे हैं. जो ये प्रेम, सदभावना और भाईचारे को भी दर्शाता है . इस काम को हजारीबाग के कोलघट्टी निवासी दर्जी गुलाम जीलानी और पार नाला निवासी तुलसी कुमार ने बनाया है. इस विशाल झंडे को बनाने का बीड़ा उठाया है.
20 दिन की कड़ी मेहनत से बना झंडा
100 फुंट ऊंचा महावीरी पताका बनाने में दोनों कारीगरों ने दिन रात एक कर दिया और 20 दिन जमकर अथक मेहनत की . हजारीबाग से झंडा रामलला के मंदिर में फहराया जाएगा, इसे सुनाकर शहरवासी भी बेहद गर्व महसूस करते हैं. इस बाबत विश्व हिन्दू परिषद झारखंड के प्रदेश संरक्षक भाजपा के प्रदेश कार्यसमित सदस्य सुदेश कुमार चद्रवंशी ने बताया कि इन कारीगरों के द्वारा तैयार महावीरी पताका रामनवमी के मौके पर पूरे झारखंड में भेजा जाता है. लेकिन, इस बार 22 जनवरी को इन दोनों कारीगरों की ओर से तैयार झंडा श्री राम जन्मभूमि में दीपोत्सव कार्यक्रम में लहरायेगा और एतिहासिक पल का गवाह बनेगा. इससे झारखंड ही नहीं पूरे देश में सदभावना का संदेश भी जाएगा.
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