धनबाद(DHANBAD); अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी. फिलहाल गीता प्रेस गोरखपुर के स्टॉक में रामचरितमानस की प्रतियां कम पड़ गई है. सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के साथ-साथ रामचरितमानस की मांग बढ़ गई है. यह अलग बात है कि कुछ लोग इसे बांटने के लिए डिमांड कर रहे है. गीता प्रेस गोरखपुर हर एक महीने रामचरितमानस की लगभग 75000 प्रतिया प्रकाशित करता था. 2024 में 10 दिनों के भीतर लगभग एक लाख प्रतिया प्रकाशित हो चुकी है. इसके बाद भी स्टॉक कम पड़ रहे है. सूत्रों के अनुसार भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के पहले रामचरितमानस की प्रतियों की अप्रत्याशित मांग बढ़ी है. प्रेस सूत्रों के अनुसार हर रोज देश के विभिन्न शहरों से भारी संख्या में रामचरितमानस की प्रतियों की मांग आ रही है.
मांग इतनी अधिक कि नहीं पूरा हो रहा डिमांड
जिसे प्रेस पूरा नहीं कर पा रहा है. गीता प्रेस, गोरखपुर के शाखा कार्यालयो में भी भारी संख्या में ऐसी मांगे आ रही है. लेकिन लोग निराश होकर लौट रहे है. हो सकता है कि 22 जनवरी को इसकी डिमांड और अधिक हो. 22 जनवरी के बाद भी इसकी डिमांड बढ़ने की पूरी संभावना है, क्योंकि जो लोग अयोध्या आएंगे, वह अपने साथ एक रामचरितमानस ले जाना जरूर चाहेंगे. ऐसे में मांग बढ़ेगी, सिर्फ रामचरितमानस, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा की ही मांग नहीं बढ़ी है, भगवान राम, हनुमान तथा अयोध्या के भव्य राम मंदिर की छवियां वाले झंडे की भी देशभर में मांग बढ़ी हुई है.
22 जनवरी को विराजमान होंगे रामलला
22 जनवरी को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला को विराजमान कराया जाएगा. सिर्फ अयोध्या ही नहीं पूरे देश में इसका अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है. राम भक्तों के लिए यह बेहद ही खुशी का अवसर बनने जा रहा है. त्रेतायुग थीम से सज रही है अयोध्या नगरी,त्रेतायुग में श्रीराम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के घर ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था. श्रीराम भगवान विष्णु जी के अवतार थे. इन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है. ऐसे में पूरे अयोध्या को त्रेतायुग थीम से सजाया जा रहा है. सड़कों के किनारे सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं, जो भगवान राम के सूर्यवंशी होने के प्रतीक को दर्शाते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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