धनबाद(DHANBAD): प्रदेश कांग्रेस कमेटी 1932 खतियान के मामले में दाएं- बाएं निकलने की ही कोशिश करती रही है लेकिन धनबाद से कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह के पति विधायक अनूप सिंह ने बोकारो के कार्यक्रम में एक तीखा बयान देकर सबको चौंका दिया है. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी विधायक ढुल्लू महतो को खुली चुनौती दी कि अगर वह 1932 खतियान के समर्थक हैं तो भाजपा छोड़कर कांग्रेस या झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो जाएं, वह धनबाद से अनुपमा सिंह की उम्मीदवारी वापस ले लेंगे. इस बात का धनबाद की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा, यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन अनूप सिंह का यह कथन लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. वैसे भी चुनाव के समय सभी उम्मीदवार सधी हुई बयान बाजी करते है. अनर्गल प्रलाप से बचने की कोशिश करते है.
समर्थक भी हैं तो विरोधी भी कम नहीं
धनबाद में 1932 खतियान के समर्थक भी हैं तो विरोधी भी कम नहीं है. धनबाद लोकसभा क्षेत्र में शहरी मतदाता ही डिसाइडिंग फैक्टर होते है. बावजूद अनूप सिंह का यह बयान किसके -किसके गले उतरेगा, यह कहना कठिन होगा. प्रदेश कांग्रेस भी 1932 के खतियान के मामले में कोई बहुत साफ सुथरा स्टैंड अभी तक नहीं लिया है. विरोध में भी नहीं बोलती तो समर्थन भी खुलकर नहीं करती. लेकिन अनूप सिंह ने कह दिया है कि वह 1932 खतियान के समर्थक है. इसका असर धनबाद लोकसभा के वोटरों पर कितना पड़ेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, हो सकता है कि ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं को रिझाने के लिए उन्होंने यह सब ऐसा किया होगा. लेकिन लोग इसे खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी की संज्ञा दे रहे है. उनके प्रतिद्वंदी विधायक ढुल्लू महतो बाघमारा के रहने वाले है.
ग्रामीण मतदाताओं को लुभाने का प्रयास तो नहीं
उनको ग्रामीण क्षेत्र का समर्थन स्वाभाविक तौर पर अधिक मिलेगा. तो क्या ऐसे में ग्रामीण मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्होंने यह सब बात कह दी है. यह अलग बात है कि खतियानी आंदोलन से उपजे टाइगर जयराम महतो भी 2024 के चुनावी राजनीति में शामिल हो गए है. गिरिडीह से तो वह खुद प्रत्याशी है. धनबाद में भी उनका उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है. खतियानी आंदोलन को लेकर लगातार वह चुनौती पेश कर रहे है. वैसे भी धनबाद लोकसभा से पत्नी को टिकट मिलने के बाद अनूप सिंह पर आरोप लगता रहा है कि वह राजपूत जाति का समर्थन हासिल करने का लगातार प्रयास कर रहे है. उन्हें भरोसा है कि राजपूत बिरादरी के पशुपतिनाथ सिंह का टिकट कटने के बाद यह बिरादरी उनका समर्थन करेगी. यह अलग बात है कि सवर्ण जातियों को भी साधने का वह प्रयास कर रहे है. लेकिन उनका यह बयान कहीं ना कहीं उन्हीं को परेशानी में तो नहीं दाल देगा.
विधायक ढुल्लू महतो नहीं देंगे कोई रिएक्शन
यह बात भी सच है कि विधायक ढुल्लू महतो तो फिलहाल उनकी इन बातों का कोई जवाब नहीं देंगे. क्योंकि धीरे-धीरे अब वह अनुभवी पॉलीटिशियन दिखने लगे है. वह जानते हैं कि चुनाव में कोई भी एक बयान बने खेल को बिगाड़ सकता है. वैसे अनूप सिंह भी बेरमो के रहने वाले हैं और घरेलू महिला को टिकट दिलवाकर कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं का अपमान किया है. इसकी नाराजगी भी है. टिकट का विरोध भी हो रहा है. टिकट की वजह से प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी विरोध करने वालों के निशाने पर है. ऐसे में इस तरह का बयान क्या आगे गुल खिलाएगा, यह देखने वाली बात होगी. विधायक अनूप सिंह का ढुल्लू महतो को दी गई चुनौती कहीं कांग्रेस के लिए ही परेशानी का कारण नहीं बन जाए. अब देखना होगा कि इस मामले में चुनाव के पहले कांग्रेस क्या स्टैंड लेती है. अनूप सिंह के कथन को सही बताती है या उनका व्यक्तिगत विचार कहकर मामले से पल्ला झाड़ लेती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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