धनबाद(DHANBAD) : बाघमारा कांड में आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस एफआईआर पर एफआईआर कर रही है. अब तक कुल 8 एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस की 30 टीम घटना के आरोपियों को पाताल से भी ढूंढने में लगी हुई है. घटना के किंगपिन कारू यादव के भाई को पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया है. कारू यादव के कई रिश्तेदार अभी पुलिस हिरासत में है. पुलिस उनसे कारू यादव के ठिकाने का पता जानने की कोशिश कर रही है. पुलिस का दावा है कि कारू यादव आकाश में छुपा हो अथवा पाताल में. पुलिस उसे ढूंढ निकालेगी. इस दिशा में पुलिस काम भी कर रही है.
धनबाद पुलिस बिहार के गावों की छान रही है ख़ाक
बिहार के गांवों की ख़ाक छान रही है. कारू यादव के रिश्तेदारों के घर खोजबीन कर रही है. कारू यादव फिलहाल भूमिगत हो गया है. पुलिस ने सोमवार को उसके घर पर नोटिस चिपकाकर उसे पूछताछ के लिए हाज़िर होने को कहा है. बाघमारा कांड के बाद धनबाद पुलिस की सक्रियता बनी हुई है. धनबाद पुलिस इस कांड के वांछित कारू यादव के संबंधियों को साथ लेकर बिहार के गांवो की ख़ाक छान रही है. कारू यादव की खोज में धनबाद पुलिस की 30 टीम लगी हुई है. यह टीम झारखंड, बिहार और बंगाल में छापेमारी कर रही है.
पुलिस से पांच को बिहार से किया है गिरफ्तार
इस बीच सूचना मिली है कि कारू यादव के भाई वीरेंद्र यादव समेत पांच लोगों को पुलिस ने अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर बिहार के लखीसराय से कारू यादव के छोटे भाई वीरेंद्र यादव को गिरफ्तार किया. यह भी बताया जाता है कि इस कांड के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है. सूत्र बताते है कि यादव के ससुर को साथ लेकर पुलिस बिहार में छापेमारी कर रही है. पुलिस बिहार के नवादा सहित जमुई जिला में कारू यादव के रिश्तेदारों के घर छापेमारी कर रही है. इस मामले में आठवीं एफआईआर दर्ज कर ली गई है. सात एफआईआर पहले ही दर्ज हुई थी. बताया जाता है कि आशाकोठी से अवैध कोयला बरामदगी में पुलिस ने बरोरा क्षेत्रीय प्रबंधन की शिकायत पर आठवीं एफआईआर दर्ज की है. इधर, गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के खिलाफ मुकदमे के बाद आजसू ने जहां चक्का जाम का की चेतावनी दी है.
महाप्रबंधक पर केस से कोयला अधिकारी नाराज
वहीं बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक जीसी शाहा के खिलाफ मुकदमा होने पर कोयला अधिकारी भी आंदोलित हो गए है. गोलबंद होकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे है. उनका कहना है कि कोलियरी में काम करने की जिम्मेवारी महाप्रबंधक पर है. उन्होंने प्रशासनिक कार्य किए है. लेकिन उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से बीसीसीएल के अधिकारियों के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ा है. वैसे, सोमवार को आशाकोठी पहुंचे एस एसपी ने कहा था कि बीसीसीएल के महाप्रबंधक को प्रशासनिक अधिकारियों ने सूचना दे दी थी कि जब तक ग्रामीणों के साथ समझौता नहीं हो जाता, तब तक कार्य शुरू नहीं कराया जाए. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के इस बात की अनदेखी कर महाप्रबंधक ने काम शुरू कराया और 9 जनवरी को भारी बवाल हो गया. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आखिर काम शुरू करने के पीछे महाप्रबंधक का स्वार्थ क्या था. बता दें कि महाप्रबंधक के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की गई है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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