जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : इस बार गर्मी ने पिछले कई रिकार्ड तोड़ दिए हैं. एक तरफ लोग गर्मी से परेशान है तो दूसरी तरफ हर बार की तरह बढ़ती गर्मी में पानी की समस्या भी देखने को मिल रही है. ऐसा ही कुछ हाल जमशेदपुर का भी है. जहां लोगों के बीच पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बच्चे से लेकर बड़े सभी लोगों के हाथों में जरकन, हड्डी और बर्तन लिए पानी के लिए कई किलोमीटर भटकते नजर आ रहे हैं. बच्चे स्कूल और खेलकूद छोड़ पानी भर रहे हैं. ऐसे जिला प्रशासन या जनप्रतिनिधियों के तरफ से कोई भी पहल नहीं की जा रहा है. मगर एक व्यक्ति है जो इन लोगों का मसीहा बना हुआ है. जिसकी वजह से लोगों को पानी नसीब हो रहा है. अब लोग उसे जल पुरुष के नाम से पुकारते हैं.
राजकुमार बना जल पुरुष
जो काम सरकारी स्तर पर होना चाहिए वह काम कुछ समाजसेवी कर रहे हैं, उसी के तहत परसुडीह और आस पास के क्षेत्र के लोगों को पानी मुहैया कराने को लेकर समाजसेवी राजकुमार सिंह ने 8 टैंकर पानी की निशुल्क की है, जो रोजाना लोगों को पानी उपलब्ध करवाया जाता है. जल पुरुष द्वारा 8 टैंकरों से लोगों के बीच पानी की सप्लाई निशुल्क की जाती है. 15 सालों से निशुल्क पानी की सप्लाई बस्तियों में की जाती है गर्मी के दिनों में दिन हो या रात बच्चे हो या बड़े हाथों में जरकन लेकर पानी के लिए जद्दोजहद करते दिखते हैं.
जमशेदपुर शहर में पानी के दो रंग
पानी की कमी से परसुडीह, जुगसलाई, कीताडीह, बागबेड़ा, घाघीडीह और अन्य क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इन क्षेत्रों में पानी का लेवल 700 फीट नीचे चला गया है जिसकी वजह से चापाकल से पानी नहीं निकल रहा है. ज्यादातर लोग दूर दराज में स्थित नदी व तालाबों पर निर्भर हो चुके हैं. सारे बोरिंग सूख गए हैं. जमशेदपुर शहर में पानी के दो रंग, कंपनी इलाके में 24 घंटे पानी, गैर कंपनी इलाके में 24 घंटे में एक बार भी पानी की सप्लाई नहीं है.
जानिए लोगों का हाल
जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्र बागबेड़ा, परसुडीह, गोविंदपुर और बहरागोड़ा जैसे इलाको में गर्मी में पानी की समस्या आम बात है,यहां निवास करने वाले लोग दूर दराज इलाकों से पानी लाकर अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करते हैं, घर की महिलाएं हो या स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे सभी को सुबह उठकर सबसे पहले अपनी जरूरत के अनुसार पानी के जुगाड़ में भिड़ जाना पड़ता है ऐसे में बच्चो की पढ़ाई पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है और महिलाओं को घर के काम काज पर सीधा असर होता है.
रिपोर्ट : रंजीत ओझा
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