गढ़वा(GARHWA):-गढ़वा जिला देश के 112 आकांक्षी जिले मे शामिल है यह जिला क़ृषि पर आधारित जिला है यंहा रोजगार के कोई साधन नहीं है बारिश के दिनों में लोग अपने घरो में आते है बाकि शेष दिनों मे दूसरे प्रदेशो पर इन्हे निर्भर रहना पड़ता है. पिछले दो वर्षो से जिला अकाल भी झेल रहा है. ऐसे में न तो बारिश हो रही है और न ही श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है अब लोग दूसरे प्रदेशो में कमाने तो जा रहे है लेकिन लौट रही है उनकी लाशें.
लगातार बढ़ रहा पलायन का सिलसिला
गढ़वा जिला वर्षो से पलायन का दंश झेल रहा है यहा रोजगार के कोई साधन नही होने के कारण यंहा के लोग काम की तलाश मे देश के विभिन्न राज्यों मे पलायन कर जाते है. लेकिन पलायन का यह दंश लोगो को अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है. ताज़ा मामला शुक्रवार का ही है जहाँ रमना के सीरियाटोंगर गाँव के एक दर्जन ग्रामीण काम की तलाश मे ट्रेन पकड़ने टेम्पू से जा रहे थे तभी ट्रक के चपेट मे आने से पांच मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई. रमना प्रखंड के सीरियाटोंगर के इस इलाके मे लगभग तीन सौ हिन्दू मुस्लिम की आबादी है लेकिन आज अधिकतर घरो के लोग काम करने दूसरे प्रदेश गए हुए है. इस गाँव मे शवों के आते ही गम का माहौल बना हुआ है. सभी के चेहरे उदास है जिनके घर मौत हुई है उनके यंहा परिजनो का रो रो कर बुरा हाल है।
कल कारखाना की है जरूरत
ग्रामीणों ने बताया की यदि हमें यहा काम मिलता तो हम बाहर क्यों जाते आज हमारे गाँव के पांच लोगो की मृत्यु हो गई पूरा गाँव मे गम का माहौल है सरकार भी कुछ नही करती की हमलोगो को यहा रोजगार मिल सके. इस गाँव के अधिकतर लोग काम की तलाश में पलायन कर चुके है. वंही स्थानीय जनप्रतिनिधि ने बताया यंहा पहले सेल का खदान था तो इतना पलायन नही होता था. ज़ब से बंद हुआ है मजदूरों का पलायन बढ़ गया है यंहा कल कारखाना लगना बहुत जरुरी है.
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