धनबाद(DHANBAD); बलियापुर के आमझर पंचायत में पलाश के पेड़ के नीचे शनिवार को पीली साड़ी पहने बच्चों का एक समूह गिरे हुए पलाश के फूल चुन रहे थे, फिर उन्होंने माला बनाई, मेहमानों का स्वागत किया और 'पलाश बंदना' मनाना शुरू कर दिया. उन्होंने शांतिनिकेतन के तहत रवीन्द्र संगीत "ओरे गृह वासी... खोल द्वार खोल , लागलो के दोल " के साथ सुबह की रोशनी में पलाश के पेड़ों के सामने नृत्य किया. यह अनूठा कार्यक्रम झरिया स्थित सामाजिक संगठन 'इंस्टीट्यूशन फॉर नेशनल एमिटी' द्वारा आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में झरिया, बलियापुर, दीपूधोरा-लोदना और झरिया के लगभग 100 बच्चों ने हिस्सा लिया. बाहा नृत्य, लोक नृत्य, रवीन्द्रनाथ टैगोर नृत्य प्रस्तुत किया गया.
बलियापुर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर सिद्धार्थ बंदोपाध्याय, बीबीएम कॉलेज के प्रोफेसर बरुण सरकार, अमझर पंचायत के मुखिया धर्मेंद्र रवानी, सामाजिक कार्यकर्ता बेंगू ठाकुर, साधन चटर्जी जैसे अतिथियों ने पलाश फूल के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया. सभी ने कहा, 'बच्चों ने झारखंड के राजकीय फूल पलाश के साथ अदभुत कार्यक्रम किया.' केंदुआ के सुमन कुमारी, राधिका, दुर्गा, नंदिनी, अंजलि, मुस्कान ने 'ओ मोर झारखंड रे' नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि खेरटांड स्कूल के आदिवासी बच्चों ने 'बाहा गीत' से संबंधित आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया. इंस्टीट्यूशन फॉर नेशनल एमिटी के संस्थापक पिनाकी रॉय ने कहा है 'अमाझार का खेल मैदान बसंत उत्सव ( होली) के लिए बहुत अच्छी जगह है, पलाश के पेड़ के नीचे वसंतोत्सव मनाने का आनंद अद्भुत है. हम जिला प्रशासन से भविष्य में पलाश के पेड़ के नीचे बसंतोत्सव मनाने का अनुरोध करेंगे.'इस पलाश बंदना " कार्यक्रम में आईएनए के संस्थापक पिनाकी रॉय के अलावा अतिथियों में प्रोफेसर सिद्धार्थ बंदोपाध्याय, बेंगू ठाकुर, मुखिया धर्मेंद्र रवानी, शिक्षक मिहिर बाबू , प्रोफेसर बरुण सरकार, कलाकार संजय पंडित, बुनुन रॉय, सोनू निगम, अरविंद सिंह, अभिषेक कुमार, मौसमी रॉय, अर्पिता रॉय, पंकज शामिल हैं. कुमार, रवि कुमार, रिंकी कुमारी, छोटू कुमार, दीपशिखा कुमारी, संजना कुमारी, रोशनी कुमारी, सिमरन कुमारी आदि मौजूद थे.आज आमझर पंचायत मैदान पलाश के फूलों से होली के उल्लास से मुखरित हो गया.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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