धनबाद(DHANBAD): यह व्यावहारिक भी नहीं है और नियमसंगत भी नहीं, बावजूद अगर आपके सामने कोई गंभीर मरीज जीवन और मौत से जूझ रहा हो और उसके पास कोई मोबाइल नहीं हो तो हर संवेदनशील व्यक्ति मदद को आगे बढ़ ही जाएगा. परिणाम की चिंता वह नहीं करेगा. ऐसा ही प्रतिदिन हो रहा है धनबाद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SNMMCH में. अस्पताल कर्मी और सुरक्षा गार्ड जब अपने सामने किसी मरीज को पड़े देखते हैं तो अपना मोबाइल नंबर देकर उनका ओपीडी में रजिस्ट्रेशन करवा दे रहे है. यह बात सच है कि मानवता के आगे नियम-कायदे शिथिल पड़ जाते है. लेकिन धनबाद का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन इसके उदहारण देखने को मिल रहे हैं.
कई मरीज के पास नहीं होते हैं अपना मोबाइल फोन
दरअसल, यहां वैसे लोग अधिक पहुंचते है, जिनके पास मोबाइल नहीं होता है. जिनके पास आर्थिक ताकत होती है, वह तो कहीं इलाज करा लेते हैं लेकिन जिनका भगवान मालिक है, वही इस अस्पताल का द्वार खटखटाते हैं. दरअसल, धनबाद का SNMMCH ई-सिस्टम से जुड़ गया है. इसके जरिए नेशनल मेडिकल कमिशन अब मेडिकल कॉलेजों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग कर रहा है. अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है. इस व्यवस्था में रजिस्ट्रेशन के लिए मरीजों को मोबाइल नंबर देना अनिवार्य है. लेकिन जिनके पास मोबाइल नहीं है, वैसे मरीजों का ओपीडी में रजिस्ट्रेशन नहीं होता है. लिहाजा काफी संख्या में मरीज बगैर इलाज के ही लौट रहे हैं. अस्पताल में 22 अक्टूबर से ही ई हॉस्पिटल सेवा शुरू की गई है. इसके तहत ओपीडी में एक बार रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीजों का इलाज से संबंधित सारा ब्यौरा ऑनलाइन दिखेगा. डॉक्टरों को बीमारी के डायग्नोसिस में सुविधा जरूर होती है लेकिन गरीब लोगों को परेशानी हो रही है.
ई-हॉस्पिटल सिस्टम शुरू होने से हो रही परेशानी
ई-हॉस्पिटल सिस्टम शुरू होने के बाद कई तरह की परेशानी आ रही है, लेकिन नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देशों के कारण अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर से कोई फेरबदल नहीं कर सकता है. हालांकि, बगैर मोबाइल नंबर के रजिस्ट्रेशन समस्याओं को दूर करने के लिए डिपार्टमेंटल हेड की ओर से एक अलग मैनुअल काउंटर शुरू करने का विकल्प बताया गया है ताकि मरीज बिना इलाज के वापस नहीं जा सके. अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि बिना मोबाइल नंबर के ओपीडी में रजिस्ट्रेशन संभव नहीं है. मोबाइल नंबर नहीं देने पर ऑनलाइन पर्ची निकालने की सुविधा भी नहीं है. इस कारण मरीजों को परेशानी हो रही है. इसका विकल्प तलाशा जा रहा है, मुख्यालय के साथ-साथ नेशनल मेडिकल कमीशन को भी इससे अवगत कराकर परामर्श मांगा गया है. परामर्श मिलते ही वैकल्पिक व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी. देखना है कि कब तक राहत मिलती है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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