धनबाद(DHANBAD): झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों के कार्यालय के कामकाज की महत्वपूर्ण कड़ी रीडरों का प्रदेश स्तर पर तबादला करने का मन बनाया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि डीजीपी ने सभी ज़िलों को रीडरों की सूची मुख्यालय भेजने को कहा है. यह सूची सिर्फ जिला से ही नहीं मांगी गई है, बल्कि विशेष शाखा ,सीआईडी, निगरानी ब्यूरो, होमगार्ड, जीआरपी, वायरलेस के अलावा सभी ट्रेनिंग सेंटर से भी मांगी गई है. सूची मिलने के बाद हो सकता है कि तबादले की कार्रवाई की जाए. वैसे, सिर्फ सूची मांगने भर से भी ही हड़कंप मचा हुआ है. अनुमान किया जा रहा है की सूची मिलने के बाद 3 साल या उससे अधिक समय से एक ही जगह पर जमे जिला के रीडरों के तबादले का आदेश जारी हो सकता है.
सूत्रों के अनुसार राज्य के कई जिलों में एक ही जगह पर रीडर वर्षों से जमे हुए है. कुछ तो ऐसे हैं, जो 3 साल से भी अधिक समय से किसी न किसी कारण से अपनी पुरानी जगह पर है. साक्षर सिपाही ही रीडर बनते है. इनका काम एक तरह से अधिकारियों के पीएस का होता है. बड़े अधिकारियों से लेकर इंस्पेक्टर तक के रीडर हो सकते है. वैसे सूत्र बताते हैं कि 2017 में सरकार ने एक निर्णय लिया था कि रीडर कैडर से आने वाले अगर पुलिस अफसर बनते है, तो फील्ड में तैनात नहीं होंगे. यह नियम अभी लागू है अथवा नहीं, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पा रही है. लेकिन 2017 के नियम के मुताबिक रीडर कैडर से आने वाले भले ही डीएसपी ही क्यों नहीं बन जाए , उन्हें फील्ड में तैनात नहीं किया जाएगा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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