धनबाद(DHANBAD) : दिखावे का पेशा कैब चलाना और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना, लेकिन असली पेशा सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करना. ऐसे ही ठगी करने वाले एक ठग को बिहार और बोकारो पुलिस ने बोकारो से गिरफ्तार किया है. बिहार पुलिस उसे अपने साथ ले गई है. वह रेलवे, एफसीआई, स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया समेत और विभागों में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर बिहार के बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले गिरोह में शामिल था. बोकारो में उसका काम लायजनिंग का था. उसकी पहचान अमित कुमार के रूप में की गई है. वह बोकारो के थाना सेक्टर 12 का रहने वाला है. उस पर पूर्व में फर्जीवाड़े के तीन मामले दर्ज है. दिल्ली के एक और बोकारो के दो फर्जीवाड़ा के मामले में वह आरोपित है.
पुलिस के अनुसार उसके पास से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया का फर्जी आई कार्ड भी मिला है. ठगी के इस गिरोह में अमित की भूमिका अभ्यर्थियों को मेडिकल पास कराने की भी थी. वह अभ्यर्थी और ठग गिरोह के बीच कड़ी का काम करता था. यह भी जानकारी निकल कर आई है कि उसके पास से पुलिस ने ट्रेनी इंजीनियर का फर्जी पहचान पत्र भी जब्त किया है. इसको दिखाकर वह बोकारो स्टील सिटी के प्रतिबंधित क्षेत्र में भी प्रवेश कर जाता था. अस्पतालकर्मियों को झांसे में लेकर गिरोह द्वारा भेजे गए बेरोजगार युवाओं का मेडिकल जांच कराता था. अमित के पास से मोबाइल, सिम कार्ड, बोकारो स्टील सिटी का फर्जी पहचान पत्र आदि भी पुलिस को बरामद हुए है. इसे यह भी स्पष्ट हुआ कि बिहार के ठग गिरोह का लिंक झारखंड से जुड़ा हुआ है.
सूत्रों के अनुसार रेलवे में बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के लिए फर्जी ज्वाइनिंग लेटर जारी करने, फर्जी प्रशिक्षण केंद्र से लेकर मेडिकल तक करने वाले इस संगठित गिरोह के तार बंगाल, बोकारो, बिहार के दानापुर, सासाराम के अलावे कई राज्यों से जुड़े है. इसमें क्या सरकारी कर्मियों की भी भूमिका है, इसकी जांच पुलिस कर रही है. इधर यह भी पता चला है कि ठगी के इस मामले में बिहार के मुजफ्फरपुर की एक लोक गायिका की भूमिका भी सामने आई है उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है. अभी हाल ही में बोकारो पुलिस ने बोकारो से एके -47 समेत हथियारों का जखीरा बरामद किया था. इस घटना के तार भी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से बिहार से जुड़े हुए थे. ठगी गिरोह के तार भी बोकारो से अब जुड़ गए है. मतलब साफ है कि बिहार के अपराधी बोकारो को सेंटर पॉइंट बनाकर काम करने की कोशिश कर रहे हैं और यही वजह है कि पुलिस को इसमें लगातार सफलता मिल रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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