टीएनपी (TNP DESK) सपने जब आसमान को छूने लगे, तब पूरी दुनिया मुट्ठी में आ जाती है. पर इसे हासिल करने के लिए अपने जुनून के साथ कभी न छोड़ने वाली दोस्ती करनी पड़ती है. मेहनत करना पड़ता है. यही सब करते हुए आज के समय में मेदिनीनगर के महताब आलम उर्फ मोंटी अपने सपनों से लाखों रुपये की कमाई कर रहा है. कोरोना काल में जब लोग कमाई को लेकर परेशान हुए, लाखों की नौकरी चली गयी, ऐसे में भी मोंटी अपने सपनों के बलबूते लाखों की कमाई की. मोंटी का सपना यानि यूट्यूब, सिर्फ यूट्यूब में अपना ब्लॉग पोस्ट कर मोंटी अच्छी रकम कमा लेता है. मेदिनीनगर का रहने वाला यह युवा आज यूट्यूब और फेसबुक जैसे साइट का किंग है. यूट्यूब पर मोंटी के 29 लाख, फेसबुक पर 17 लाख व इंस्टाग्राम पर 55 हजार से ज्यादा फॉलोवर हैं. यहां तक पहुंचने का जो सफर रहा वो किसी फिल्मी कहानी से काम नहीं रहा. मोंटी ने बताया कि उसके पिता अलीमुद्दीन खलीफा जो दरजी थे, वह मेहनत करके भी काफी कम पैसे कमा पाते थे. मां आमना खातून व अन्य भाई-बहनों की जिम्मेवारी उन्हीं के कंधों पर थी. ऐसे में गिरिवर स्कूल की पढ़ाई छोड़कर मोंटी पिता का हाथ बंटाने की सोची. ट्रेन में निंबू बेचने का काम शुरू किया. फिर मेले में आइसक्रीम बेचना, रात को बाजार में पहरेदारी करना, गुजरात में वेल्डिंग का काम करना, खलासी का काम करना जब जहां से दो पैसे मिल जाए उसी काम को कर लेना. फिर शादी विवाह में फोटोग्राफी करने कुछ लोगों के साथ जाने लगा. यहीं से एक दोस्त के माध्यम से उसे यूट्यूब की जानकारी मिली. फिर मोंटी के दिलो दिमाग पर यूट्यूब सपनों के जैसा छा गया दो साल तक शादी में वीडियोग्राफी का काम करता रहा और पैसे जोड़कर अपना एक मोबाइल खरीदा, फिर लगातार यूट्यूब पर अपना ब्लॉग डालता गया, लोग उसे पागल कहने लगे, दोस्तों ने मजाक उड़ाया तो कुछ ने हौसला भी बढ़ाया. परिवार वालों ने सबसे ज्यादा खिलाफत की, पर मोंटी को एक ही धुन सवार था, फिर वो दिन आया जब यूट्यूब से मोंटी को पहली बार सात हजार रुपये भेजे गये. उन पैसों से सबसे पहले मोंटी रेलवे स्टेशन में रहने वाले गरीबों को भरपेट भोजन कराया, फिर देखते ही देखते मोंटी पूरे देश में छा गया. मोंटी लाइफ स्टाइल और पुराने गाड़ियों की ब्लॉग पोस्ट कर आज यूट्यूब का स्टार है. यूट्यूब ने उसे एक सिल्वर डिस्क और एक गोल्डन डिस्क से सम्मानित किया है. बड़ी कंपनियां अपना प्रोडक्ट मोंटी के जरिए प्रमोट करवाती है. अपने भाई-बहनों की शादी धूमधाम से करने की चाहत रखने वाला मोंटी कहता है कि सोशल साइट का सही इस्तेमाल करने से जिंदगी संवर सकती है. खास कर यूट्यूब जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से युवा अपने हुनर को दिखा कर लाखों की कमाई कर सकते हैं. मोंटी ने यूट्यूब से कमाई करके रांची में एक आलीशान सलून खोला जिसका नाम मोंटी सलून रखा है. उसने अपनी खुद की गाड़ी भी खरीदी. मोंटी सलून इतना चला कि अब मोंटी दूसरा व्यवसाय करने जा रहा है. वह अपने शहर में सेकंड हैंड लैपटॉप की शोरूम खोल रहा है.
पिता दर्जी का दुकान में करता था कार्य
मोंटी के पिता ने रोते हुए बताया कि उनकी अब तक की जिंदगी काफी गरीबी से बीती है, दुकान में दर्जी का काम करते थे उसी से वह घर चलाया करते थे. बेटा घर के हालात को देखकर वाकिफ था छोटी उम्र में नींबू बेचना चालू किया, फिर मोबाइल बनाना चालू किया फिर शादी विवाह में कैमरा करना चालू किया, ऐसे ही आगे बढ़ते गया और बोला कि पापा हम अब 20 वर्ष के हो गए हैं अब मैं सेवा करूंगा आपका.
पिता ने बताई दास्तान
मेरा बेटा गरीबी को बहुत झेला है. वह बचपन में ट्रेन में जाकर नींबू बेचा करता था, बादाम बेचा करता था काफी तकलीफ के बाद बेटा अपने पैरों पर खड़ा हुआ, पढ़ने लिखने भेजते थे तो पैसा के कमी के कारण किताब कॉपी बेच कर कमाने चला जाता था, पैसा कमाकर आता था तो हमें पैसा देता था और बोलता था लो खाना बनाओ और अपनी मेहनत से मेरा बेटा आगे बढ़ा है.
मेहनत के बल पर निकला आगे
मोदी के पड़ोसी ने बताया कि मोंटी बचपन से हमारे सामने रहा है उसका बचपन काफी अच्छा बीता है. काफी नेक दिल का बंदा है, अपने मेहनत से यह लड़का आगे निकला है इतना तो हमने कभी सोचा भी नहीं था. मोंटी के दोस्त दीपक के मुताबिक़ उसका बचपन मोंटी के साथ बीता है, वह ट्रेनों में नींबू बेचा करता था, वह ट्रेन पर चढ़कर दूसरे गांव में भी जाता था और सुबह से लेकर शाम तक नींबू बेचकर करीब 200 से 300 रुपए दिन के कमा लिया करता था. मोंटी देखते-देखते काफी आगे निकल गया. इससे उसे काफी खुशी होती है. बीच-बीच में अब मोंटी से वह मुलाकात भी कर लिया करता है.
ट्रेनों में बादाम बेचने का करता था कार्य
मोंटी ने बताया कि पेट और पैसे के लिए उसने बहुत तरीके के काम की है जैसे नींबू बेचा है ट्रेनों में बदाम बेचा है यह सब भेज कर दिन के दो ढाई सौ रुपए वह कमा लिया करता था. जिंदगी में बहुत सारे काम किया पर कभी कहीं मन नहीं लगा इंसान को वही काम करना चाहिए जिसमें इंसान का दिल लगे तो मैंने भी वही किया मुझे 2 साल से ज्यादा लग गया ऑडियंस बनाने में उसे समझने में. मोंटी पुरानी गाड़ियों की वीडियो लाइफ स्टाइल की वीडियो अपने शहर को कैसे अच्छा दिखाया जाए उस तरीके का वीडियो बनाकर सोशल नेटवर्क पर डालते हैं. इस दौरान चैलेंज इस काफी रहा बताया कि वह डिमोटिवेट हो गए थे लोग उन्हें देख नहीं रहे थे पर फिर भी उसने हार नहीं मानी.
रिपोर्ट:समीर हुसैन
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