दुमका(DUMKA): सावन का पावन महीना चल रहा है. सावन महीने में दुमका के बासुकीनाथ में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला चल रहा है. काफी संख्या में शिव भक्त बिहार के सुल्तानगंज से जल भर कर देवघर के बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण के बाद बासुकीनाथ स्थित फौजदारी बाबा पर जलार्पण करते हैं. कुछ शिव भक्त ऐसे भी हैं जो भागलपुर के बरारी या फिर कहलगांव से जल भर कर सीधे बासुकीनाथ पहुचते हैं.
दो कांवर बने आकर्षण का केंद्र
देवघर और बासुकीनाथ आने वाले कुछ शिव भक्त तरह-तरह के वेश भूषा धारण किए होते हैं, जबकि कुछ कावरियों का कांवर आकर्षण का केंद्र बिंदु बना होता है. वे जिस मार्ग से गुजरते हैं बरबस लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं. ऐसा ही एक कांवर यात्रा की खूब चर्चा हो रही है. कहलगांव स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर बासुकीनाथ जलार्पण के लिए निकले पांच हजार कांवरियों के साथ पड़ाव संघ कहलगांव (बिहार ) की 112वी कांवर यात्रा शनिवार को हंसडीहा पहुंची. हंसडीहा में रात्री विश्राम के बाद रविवार को बासुकीनाथ के लिए रवाना हुई. पड़ाव संघ की 112वी यात्रा में 61 व 41 फ़ीट के दो कांवर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
5 हजार लोग सोमवार को करेंगे जलाभिषेक
पड़ाव संघ के अध्यक्ष संतोष चौधरी एवं संपर्क प्रमुख पवन जायसवाल ने बताया की पांच हजार कांवरियों के साथ बुधवार को वे लोग कहलगांव से निकले है. सोमवार को सभी बासुकीनाथ में जलार्पण करेंगे. रास्ते में किसी भी कांवरियों को कोई कठिनाई न हो इसके लिए विभिन्न संगठनों से जुड़े चालीस से अधिक सेवा दल साथ चल रहें है. इसके अलावा कांवर यात्रा में कांवरियों की थकान को कम करने के लिए पुरे रास्ते भक्ति जागरण के अलावा डीजे की धुन पर भक्ति संगीत की व्यवस्था है. साथ ही कांवर यात्रा के आगे आगे भगवान शिव पार्वती, राधा कृष्ण, हनुमान, गणेश की झांकी चल रही है.
रिपोर्ट पंचम झा
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