धनबाद(DHANBAD): कुसुंडा क्षेत्र की आउटसोर्सिंग में शनिवार को हैवी ब्लास्टिंग से टिकियापाड़ा बस्ती के कई घरों में पत्थर गिरने से चार बच्चे घायल हो गए थे. इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है. डीसी ने जांच के आदेश दिए हैं. झरिया सी ओ को जांच की जिम्मेदारी दी गई है. सीओ ने रविवार को घटनास्थल पर जाकर जांच की. आसपास के लोगों से पूछताछ की. लोगों ने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर आउटसोर्सिंग कंपनी ब्लास्टिंग व खनन कार्य कर रही है.
हैवी ब्लास्टिंग के कारण लोग गंभीर रूप से घायल
जांच को गए सी ओ को स्थानीय लोगों ने अपनी शिकायत लिखकर दी. आवेदन में लोगों ने बताया है कि हैवी ब्लास्टिंग के कारण लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. मोहल्ले के कई घरों में पत्थरों की बारिश हुई. कई लोगों के घर की छत क्षतिग्रस्त हो गए. हैवी ब्लास्टिंग के कारण पत्थर के टुकड़े उड़ कर बस्ती क्षेत्र में गिरते हैं. आउटसोर्सिंग कंपनियां तो बिना नियम कायदे के जैसे तैसे कोयल का उत्पादन करती है. यह शिकायत सिर्फ कुसुंडा क्षेत्र की नहीं है. दूसरे इलाके के लोग भी इस तरह की शिकायत करते हैं. आउटसोर्सिंग कंपनियों को बीसीसीएल मैनेजमेंट का बरद हस्त होता है. कैसे ,किस तरीके से और कहां से आउटसोर्सिंग कंपनियां कोयला काट रही है, इसकी रेगुलर जांच पड़ताल नहीं की जाती.
दामोदर नदी भी हो रही प्रदूषित
कुसुंडा में हैवी ब्लास्टिंग से बस्तियों में पत्थर गिरने की जांच शुरू हुई है. इस मामले को आधार बनाकर सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों के उत्पादन सिस्टम की जांच पड़ताल कराई जाए तो चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. यह कंपनियां सामाजिक सरोकारों से कोई मतलब नहीं रखती. जानकारी है कि दामोदर नदी को भी यह कंपनियां प्रदूषित कर रही है. इसको लेकर लगातार हो हल्ला होता रहा है. दामोदर नदी का पानी देखने से भी लगता है कि इसमें कोयले के कण मिले हुए हैं. दामोदर को प्रदूषण मुक्त करने की प्रयास से अधिक उसमें प्रदूषण फैलाने का काम हो रहा है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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