चाईबासा(CHAIBASA): चाईबासा में केंद्र की नरेंद्र मोदी की मनरेगा योजना खत्म करने की साजिश और जिले में लगातार मज़दूरों के अधिकारों के उल्लंघन के विरोध में 25 अप्रैल सोमवार को खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच पश्चिमी सिंहभूम की ओर से पुराना डीसी कार्यालय के सामने धरना दिया प्रदर्शन किया गया.जिसमें सैकड़ों की संख्या में मजदूर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए.जिसको मुखिया संघ की ओर से भी समर्थन मिला.
केंद्र सरकार ने मनरेगा बजट को पिछले साल की तुलना में 33% कम दिया
मौके पर रामचंद्र माझी ने कहा कि मोदी सरकार मनरेगा योजना को खत्म करने की साजिश लगातार करी हैं. सरकार ने 2023-24 के मनरेगा बजट को पिछले साल की तुलना में 33% कम दिया है. इस साल कार्यक्रम में ऑनलाइन मोबाइल हाजरी प्रणाली (NMMS) को मज़दूरों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए तानाशाही तरीके से अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही सरकार ने भुगतान के लिए आधार आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) को अनिवार्य कर दिया है.
तकनीकों की वजह से मजदूरों को परेशानी
इन दोनों तकनीकों की वजह से बड़े पैमाने पर मज़दूर काम और मज़दूरी से वंचित हो रहे हैं. NMMS के की वजह से मज़दूरों की परेशानियां और बढ़ गयी है. काम खत्म होने के बाद भी फोटो के लिए मज़दूरों को सुबह और दोपहर कार्यस्थल पर रहना पड़ता है. NMMS में विभिन्न तकनीकि समस्याओं व इन्टरनेट नेटवर्क की अनुपलब्धता के कारण कई बार न हाजरी नहीं बन पाती है. मज़दूरों के किए गए मेहनत का काम बेकार हो जाता है.वहीं प्रतिनिधियों ने कहा कि दुःख की बात है. कि अभी तक राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के इन मज़दूर विरोधी नीतियों का विरोध नहीं किया है. और मनरेगा को बचाने की लड़ाई में मज़दूरों के साथ खड़ी नहीं दिख रही है. 2019 चुनाव के पहले वर्तमान सत्तारूढ़ी दलें बढ़चढ़ कर मनरेगा मज़दूरों के अधिकारों की बात करते थे.
ऑनलाइन मोबाइल हाजरी रद्द करने सहित कई चीजों की मांग की
लोगों ने ऑनलाइन मोबाइल हाजरी व्यवस्था और आधार आधारित भुगतान प्रणाली को तुरंत रद्द करने की मांग की. मनरेगा बजट को बजट बढ़ाने के साथ-साथ मनरेगा मज़दूरी दर को कम-से-कम 600 रु प्रति दिन करने की मांग की. सरकार हर गांव में मनरेगा अंतर्गत पर्याप्त संख्या में कच्ची योजनाओं का कार्यान्वयन शुरू करे. लंबित भुगतान का सर्वेक्षण करवाकर मुआवज़ा सहित मज़दूरी भुगतान दिया जाए.ठेकेदारी और भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई किया जाए. और दोषी कर्मियों पदाधिकारियों के पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा
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