चाईबासा(CHAIBASA): जब राज्य में बालू घाटों की निलामी नहीं हुई है तो किसके आदेश पर चल रहा है बालू का अवैध कारोबार. अब तो पुलिस के सामने से धड़धड़ाते हुए दिल को दहलाते पार हो जाती है बालू से लदी ट्रक्टर.अगर अवैध बालू का कारोबार देखना हो तो पश्चिमी सिंहभूम जिला के जिला मुख्यालय के सदर अनुमंडल,चक्रधरपुर पोड़ाहाट अनुमंडल और जगन्नाथपुर अनुमंडल में देख सकते है. वहीं जिले के खनन विभाग कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ती करती है.
पूर्व विधायक ग्रामीणों के साथ मिलकर एसडीओ को सौंपेंगे ज्ञापन
इधर जगन्नाथपुर थाना अंतर्गत जैतगढ़ में हो रही बालू तस्करी, गलत बिजली बिल समेत अन्य मांगों को लेकर बुधवार को पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ग्रामीणों के साथ रैली निकाल कर प्रदर्शन करेंगे और एसडीओ को ज्ञापन सौंपेंगे. इस सम्बन्ध में पूर्व विधायक ने कहा कि झारखण्ड सरकार, जिला एवं स्थानीय पुलिस-प्रशासन तथा कुछ जनप्रतिनिधियों की आपसी सांठ-गांठ से जैतगढ़ क्षेत्र के बालू घाटों से 24 घंटे ट्रक व ट्रैक्टर से बालू की तस्करी खुलेआम जारी है. उक्त लोगों ने बालू तस्करी के लिये माफियाओं को खुली छूट दे रखी है. सबका अपना-अपना हिस्सा माफियाओं से बंधा हुआ है. दुर्भाग्य की बात यह है कि पुलिस ने पिछले दिनों बालू लदे कुछ ट्रैक्टरों को जब्त भी किया था लेकिन उन सभी को रात में ही छोड़ दिया गया.
बालू तस्करी से हो रहा राजस्व का नुकसान
पूर्व विधायक ने कहा कि बालू सरकारी विकास योजनाओं से लेकर घर निर्माण आदि कार्यों के लिये अत्यंत जरूरी है. ऐसे में सरकार बालू घाटों का निविदा या निलामी कर आवंटित क्यों नहीं कर रही है? ऐसा भी नहीं है कि बिना निलामी के सरकारी बालू घाटों से बालू का उठाव नहीं हो रहा है. बल्कि यह कार्य दिन रात जारी है. इससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इससे कुछ माफिया, पुलिस-प्रशासन व कुछ जनप्रतिनिधि मालामाल हो रहे हैं. आम लोगों को महंगे दामों पर अवैध बालू की खरीददारी करनी पड़ रही है. पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने बताया कि क्षेत्र में बिजली उपभोक्ताओं को फर्जी अथवा गलत बिजली बिल विद्युत विभाग द्वारा निरंतर भेजा जा रहा है. शिकायत के बावजूद इसका समाधान का प्रयास नहीं हो रहा है. विद्युत कनेक्शन काटने की धमकी दी जा रही है. इस समस्या से भी क्षेत्र की जनता त्रस्त है. इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर जगन्नाथपुर बाजार से रैली निकलेगी जो एसडीओ कार्यालय में जाकर समाप्त होगी.
क्या कहते है अधिकारी
जिला खनन विभाग के आलाधिकारी से जब पूछा जाता है तब उनका रटा रटाया बयान रहता है कि, हम क्या करे हमारे पास मैन पावर नहीं है. फिर भी जितना होता है धड़-पकड़ करते है. यह बोल के विभाग के अधिकारी अपना पलड़ा झाड़ लेते है.
रिपोर्ट. संतोष वर्मा
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