धनबाद(DHANBAD): झारखंड पुलिस, एटीएस और एनआईए ने प्रदेश में उत्पात मचाने वाले अपराधियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसमें एजेंसियों को लगातार सफलता भी मिल रही हैं. गैंगस्टरअमन श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के अलावा पीएल एफ आई सुप्रीमो दिनेश गोप को पकड़ना उपलब्धि के रूप में गिना जा रहा है. बड़े अपराधियों की गिरफ्तारी से छोटे क्रिमिनल्स का मनोबल निश्चित रूप से टूटेगा. और अपराध की घटनाएं कामेंगी. झारखंड के विभिन्न जेलों में बंद अपराधियों को भी अलग-अलग जेलों में शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया गया है. जेल में बंद रहते हुए भी अपराधी अपना गैंग चला रहे हैं. इन्हीं शिकायतों के बाद अपराधियों पर शिकंजा कसने का तौर तरीका बदला गया है.
इधर, जानकारी मिली है कि धनबाद जेल में बंद तीन विचाराधीन बंदियों को जेल प्रशासन ने अलग-अलग जेल में शिफ्ट कर दिया है. दो अप्रैल को सिंह मेंशन समर्थक और प्रिंस खान के लोगों के बीच हुई मारपीट के बाद यह सब किया गया है. जमीन कारोबारी और वासेपुर के गैंगस्टर फहीम खान के समर्थक नन्हे हत्याकांड में धनबाद जेल में बंद अनवर हटेला को दुमका जेल, भोमा राजा को जामताड़ा जेल भेजा गया है. जबकि फायरिंग के मामले में बंदी विक्की डोम को चतरा जेल शिफ्ट किया गया है. 2 अप्रैल को धनबाद मंडल कारा में विनोद सिंह के साथ अनवर हटेला, विक्की डोम और भोमा राजा में मारपीट हुई थी. इस घटना के बाद धनबाद में तहलका मच गया था. जेल प्रशासन को पगली घंटी बजानी पड़ी थी. मतलब जेल के भीतर मारपीट की घटनाओं पर जब जेल की सुरक्षा व्यवस्था काबू नहीं पा सकी तो पगली घंटी बजाई गई. उसके बाद तो उस दिन धनबाद में अफरा तफरी का माहौल बन गया. प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भागे भागे जेल पहुंचे. अतिरिक्त बल को बुलाया गया तब जाकर स्थिति नियंत्रण में आई. उसके बाद से ही इन लोगों को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हुई और उन्हें अन्य जेलों में भेज दिया गया. अन्य कई बंदियों को भी दूसरे जेल में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है. इस घटना को प्रशासन ने भी गंभीरता से लिया था.
बता दे कि सिंह मेंशन की रागिनी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रिंस खान पर टिप्पणी की थी, उसके जवाब में धनबाद से फरार प्रिंस खान ने वीडियो जारी कर सिंह मेंशन को बलिया भेज देने की चेतावनी दी थी. उसके बाद जेल में दोनों के समर्थकों के बीच मारपीट हो गई थी. इस घटना से सबक लेते हुए जेल प्रशासन ने दूसरे जेलों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया. मारपीट की घटना को लेकर जेल अधीक्षक ने धनबाद थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी. देखना है अपराधियों को दूसरे जेल में शिफ्ट करने के बाद धनबाद में अपराध के ग्राफ में कितनी गिरावट होती है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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