धनबाद(DHANBAD): धनबाद जिले में फिलहाल 139 शराब की दुकानें चल रही है. छत्तीसगढ़ की कंपनी ए टू जेड का समय खत्म होने के बाद झारखंड राज्य बिबरेज कारपोरेशन लिमिटेड ने एक मई से शराब की दुकानों का संचालन अपने जिम्मे में ले लिया है. धनबाद की शराब दुकानों में खुदरा बिक्री छत्तीसगढ़ की कंपनी ए टू जेड कर रही थी. एक मई को उसकी अवधि पूरी होने के बाद कंपनी ने दुकानों के संचालन का जिम्मा बिहार राज्य बिबरेज कारपोरेशन लिमिटेड को सौंप दिया है. नई व्यवस्था के अनुसार दुकानों में शराब की आपूर्ति व हिसाब- किताब बिबरेज कंपनी करेगी.
पुराने कर्मचारीयो से ही होगा काम
जबकि कर्मचारियों व राजस्व की निगरानी उत्पाद विभाग खुद करेगा. शराब दुकानों में मिलावटी शराब नहीं बाइक और अधिक दाम पर नहीं बेची जाए, इसकी देखरेख उत्पाद विभाग के अधिकारी करेंगे. कंपनी की मियाद पूरी होने के बाद और एक मई से व्यवस्था बदल जाने के कारण शराब दुकानों में तैनात कर्मचारियों के बीच संशय की स्थिति बनी हुई थी. कर्मचारियों को इस बात का भय सता रहा था कि कंपनी के जाते ही उनकी नौकरी चली जाएगी ,लेकिन झारखंड राज्य कारपोरशन कारपोरेशन लिमिटेड पुराने कर्मचारियों से दुकानों का संचालन कराएंगी. देश की कोयला राजधानी होने के कारण धनबाद में शराब की खपत अधिक होती है.
पर्व -त्यौहार में लक्ष्य से अधिक होती है खपत
अधिकारियों पर भी बड़ी जिम्मेवारी होगी की शराब की बोतलों का ओवरप्राइसिंग नहीं हो. पर्व- त्यौहार के मौके पर यहां टारगेट से अधिक शराब की बिक्री होती है. सरकार को भारी राजस्व मिलता है. सरकारी शराब की दुकानों में तो शाम होते ही खरीदारों की लाइन लग जाती है. इसके अलावा अवैध तरीके से भी शराब बनाई जाती है. ग्रामीण इलाकों में, कोलियरी क्षेत्रों में इसकी खपत अधिक होती है. वैसे भी जब-जब उत्पाद विभाग सक्रिय होता है, छापेमारी करता है तो भारी मात्रा में शराब बरामद की जाती है. धनबाद से बिहार में भी शराब तस्करी करने का खुलासे होते रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+