कभी हड़िया बेचकर जिंदगी की गाड़ी खींचती थी, आज डेयरी का कारोबार कर खुद लिख डाली अपनी किस्मत

कभी हड़िया बेचकर जिंदगी की गाड़ी खींचती थी, आज डेयरी का कारोबार कर खुद लिख डाली अपनी किस्मत