धनबाद(DHANBAD): 3 जनवरी '1991 का वह दिन, जिसे शायद ही कोई भूल पाएगा. भारतीय पुलिस सेवा के बहादुर अधिकारी और धनबाद के पुलिस अधीक्षक शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा इसी दिन शहीद हो गए थे. धनबाद में बैंक लूटने आए खालिस्तानी आतंकवादियों से जूझते हुए उन्होंने वीरगति को प्राप्त किया. उन्हें शौर्य ,बहादुर और बलिदान के लिए वीरता का सर्वोच्च पदक अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया गया था. आज भी रणधीर प्रसाद वर्मा लोगों के दिल और दिमाग पर छाए हुए है. इसी घटना में अपने प्राण की कुर्बानी देने वाले आईएसएम के कर्मचारी श्यामल चक्रवर्ती भी थे. पंजाब के तीन खूंखार आतंकवादी बैंक पहुंच गए थे और उनका मकसद बैंक को लूटना था. सूचना मिलते ही एसपी रणधीर प्रसाद वर्मा तुरंत बैंक आफ इंडिया पहुंच गए और सीधे अंदर जा घुसे.
पिस्टल थामे एसपी को देख आंतकवादियो ने कर दी थी फायरिंग
प्रथम तल पर बैंक में जाने के लिए हाथ में पिस्टल थामे एसपी को देखकर आतंकवादी घबराकर उन पर गोलियां चलाने लगे. इस घटना में रणधीर प्रसाद वर्मा और श्यामल चक्रवर्ती दोनों शहीद हो गए. रणधीर वर्मा के नाम पर रणधीर वर्मा चौक बना और श्यामल चक्रवर्ती की प्रतिमा आईएसएम गेट पर लगी है. हर साल 3 जनवरी को रणधीर वर्मा के साथ-साथ श्यामल चक्रवर्ती का भी शहादत दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर बड़ी संख्या लोग पहुंचते हैं और श्रद्धांजलि देते है. आज कांग्रेस के वरीय नेता व पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह भी श्यामल चक्रवर्ती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे. उन्होंने कहा कि इन शहादत को कभी कोई भूला नहीं सकता है. धनबाद की मिट्टी ने खालिस्तानी आतंकवादियों से लोहा लिया और रणधीर प्रसाद वर्मा और श्यामल चक्रवर्ती शहीद हो गए. शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा की पत्नी प्रोफेसर रीता वर्मा भी आज कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रही. उन्होंने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. रणधीर वर्मा के 33 में शहादत दिवस पर रणधीर वर्मा चौक बैंक मोड़ थाना तथा बैंक आफ इंडिया, हीरापुर ब्रांच में कार्यक्रम आयोजित किए गए.
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी व अन्य
कार्यक्रम में उपायुक्त वरुण रंजन ,उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह, सिटी एसपी अजीत कुमार, ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी, शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा की पत्नी व पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर रीता वर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि अर्पित करने से पूर्व पुलिस बल में उन्हें सशस्त्र सलामी दी. मातमी धुन बजाय और 2 मिनट का मौन रखा गया. उपायुक्त ने कहा कि आज हम धनबाद के जांबाज पुलिस अधीक्षक की शहादत को याद करते है. उन्होंने वीरता से देश सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसके प्रति समस्त धनबादवासी एवं जिला प्रशासन उनके चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+