धनबाद(DHANBAD): अभी देश में वर्ल्ड कप का खुमार चल रहा है ,इस बीच 27 अक्टूबर को झारखंड कांग्रेस के "कप्तान "अविनाश पांडे फील्डिंग सजाने धनबाद आ रहे है. हालांकि इसके पहले लोकसभा समन्वय समिति के अध्यक्ष के अधिकार के साथ यहां आए "स्टैंडबाई कप्तान" झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता बोल्ड हो गए थे. उन्हें कह कर जाना पड़ा था कि वह रांची जाकर "स्टैंडबाई कप्तान" से इस्तीफा दे देंगे. अब यहां सवाल उठता है कि 27 तारीख को झारखंड कांग्रेस के "कप्तान" के साथ "स्टैंडबाई कप्तान" बन्ना गुप्ता आते हैं अथवा नहीं. यह बात भी सही है कि झारखंड के कांग्रेस "कप्तान" को धनबाद में लोकसभा समन्वय समिति की फील्डिंग सजाना नाकों चने चबाने जैसा होगा. क्योंकि कई तरह के विवाद और कई लोगों में खींचतान खुलकर हाल के दिनों में सामने आये है. बन्ना गुप्ता की नाराजगी तो धनबाद में सबने देखा. कार्यकर्ता अपनी सीमा लाँघ गए थे. नतीजा हुआ कि मंत्री को यह कहना पड़ा कि वह इस्तीफा दे देंगे. इधर, अनुसूचित जाति का आंदोलन भी धनबाद में बाउंसर फेंक रहा है. अनुसूचित जाति के आंदोलन के पीछे किसका दिमाग है, किसकी कारस्तानी है, क्यों लोग ऐसा कर रहे हैं ,यह सब तो अब "कप्तान" को जांचना होगा.
रणधीर वर्मा चौक पर धरना ने लगा दिया है पलीता
अभी तक अनुसूचित जाति का आंदोलन गंभीर नहीं था लेकिन रणधीर वर्मा चौक पर धरना देकर उनलोगो ने अपनी मनसा का इजहार कर दिया है. सवाल उठता है कि लोकसभा समन्वय समिति की बैठक में शामिल होने के लिए झारखंड के कांग्रेस "कप्तान" को ही क्यों आना पड़ रहा है. क्या "कोच" से अब काम नहीं चलेगा. क्या जिनको "कोच" बनाया गया है, उनका भी कुछ नहीं चल रहा है. या कांग्रेस की पूरी टीम ने मिलकर यह ठान ली है कि कुछ भी हो जाए, विवाद से पीछे नहीं हटेंगे. देखना दिलचस्प होगा कि इस एकदिवसीय मैच का क्या परिणाम सामने आता है. वैसे धनबाद में अगर यह मैच जीतना है तो पार्टी को 8 लाख से भी कुछ अधिक "रन" बनाने होंगे. क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस लगभग 5 लाख "रनों " से हारी थी. अब इस 5 लाख रन को कप्तान कैसे मेकअप करेंगे। भाजपा ने तो पहले से ही धनबाद लोकसभा के पांच विधान सभाओं में अपने फ़ील्डर तैनात कर रखा है. झरिया में भी रागनी सिंह मज़बूती से फ़ील्डिंग कर रही है. पिछली बार सिंदरी के पूर्व विधायक आनंद महतो और निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी भी कांग्रेस की टीम में शामिल थे. लेकिन इस बार धनबाद शहर में बड़े स्तर पर कार्यक्रम कर ख़ुद बैटिंग करने का ऐलान कर दिये है. अब ऐसे में कांग्रेस के "कप्तान" किन-किन खिलाड़ियों की पीठ पर हाथ रखेंगे, किन किन को सबक सिखाएंगे, यह तो 27 के मैच में ही पता चलेगा. हालांकि कप्तान और उनकी पूरी टीम थोड़ी बैक फुट पर जरूर है.
बैकफुट पर दिख रहे "कप्तान",उनकी टीम भी
बैक फुट पर इसलिए कि समन्वय समिति में पहले 70 के आसपास लोग थे. लेकिन जब विवाद हुआ तो नाराज लोगों को भी शामिल कर लिया गया और इसकी संख्या सैकड़ा पर कर गई है. बावजूद कांग्रेसी अभी भी एक दूसरे पर तलवार खींचे हुए है. इन सभी तलवारों को एक म्यान में ले जाकर रखना झारखंड के कांग्रेस "कप्तान" के लिए कितना आसान होगा, कितना कठिन होगा, सफल हो पाएंगे कि भी नहीं, यह आने वाला वक्त ही बोलेगा. लेकिन 27 का मैच जो धनबाद में कांग्रेस खेलेगी, उसके परिणाम जरूर कुछ दिलचस्प निकालेंगे. कुछ ठोस निर्णय भी हो सकते है. हो सकता है कि कुछ खिलाड़ियों के पर को कतर दिया जाए, कुछ को प्रोत्साहित किया जाए, लेकिन इसके लिए 27 अक्टूबर की प्रतीक्षा करनी होगी.धनबाद ने तो प्रदेश कांग्रेस के "उपकप्तान' को भी सीधी चुनौती दे डाली है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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