धनबाद(DHANBAD) | देश में हर साल कम से कम 13 लाख जिंदगी छीनने वाले तंबाकू से लोगो को बचाने के लिए हर वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिन तंबाकू के दुष्परिणाम से लोगों को अवगत कराया जाता है. बताया जाता है 27% कैंसर तंबाकू से होता है. कैंसर की बीमारी की वजह बीड़ी, सिगरेट और धुआं रहित तंबाकू है. तंबाकू की खेती बिहार के कई जिलों में की जाती है. बिहार के कई जिलों की मिट्टी तंबाकू की खेती को सपोर्ट करती है. इन जिलों में मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, गोपालगंज सहित अन्य जिले शामिल है. किसानों की माने तो 4 महीने में तंबाकू की फसल पक जाती है. उसी जमीन पर किसान मकई की खेती करते है.
बिहार में खूब होती है तंबाकू की खेती
मकई की उपज भी तंबाकू वाले खेतों में अधिक होती है. मकई के फसल को नुकसान नहीं होता है क्योंकि तंबाकू की खेती में पैदावार बढ़ाने के लिए कीटनाशक दवाएं और गोबर के खाद का ज्यादा उपयोग किया जाता है. जिससे जमीन उपजाऊ हो जाती है और कोई भी फसल लगाने पर अच्छी होती है. मिट्टी को भी कोई नुकसान नहीं होता है. किसान कहते हैं कि तंबाकू की खेती इसलिए करते हैं कि आमदनी थोड़ी अच्छी हो जाती है, अन्यथा अन्य फसलों से उनका परिवार चलाना भी मुश्किल हो जाता है. बहरहाल जो भी हो, बातें होती है कि तंबाकू की खेती पर रोक लगा दी जाए लेकिन खेती अभी भी हो रही है और इसका उपयोग करने वाले वालों की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है.
सरकार केवल पीटती है डंडा
सरकार बराबर डंडा पीटती रहती है कि तंबाकू के सेवन पर रोक रहेगा. लेकिन यह बिक्री रुकती नहीं है. अब तो स्कूल, कॉलेज के बाहर में भी तंबाकू खुलेआम बेचे जाते है. ऐसे में हम 3 1 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाएंगे और लोगों को तंबाकू के दुष्परिणाम के बारे में बताएंगे. वैसे शनिवार को धनबाद में "हमें भोजन चाहिए, तंबाकू नहीं " थीम पर जिला तंबाकू नियंत्रण कोषांग ने धनबाद सदर प्रखंड में पंचायत समिति के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया. इस वर्ष थीम रखा गया है कि" हमें भोजन चाहिए, तंबाकू नहीं". कोटपा 2003 के विभिन्न प्रावधानों एवं प्रोहिबिशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट 2019 के प्रभावकारी अनुपालन के लिए प्रयास किये जा रहे है.
तम्बाकू की खेती नहीं करना क्यों जरुरी ?
पंचायत समिति के सदस्यों को तम्बाकू के स्थान पर अन्य फसलों का उत्पादन एवं तम्बाकू उद्योग में लगे मजदूरों के लिए वैकल्पिक रोजगार के अवसरों को सृजित किए जाने में पंचायती राज की भूमिका सुनिश्चित करने के लिए जागरुक किया गया. जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग, धनबाद ने धनबाद सदर प्रखंड में पंचायत समिति के सदस्यों के प्रशिक्षण -सह- उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया था. जिसमें पंचायत समिति के सदस्यों को तम्बाकू के स्थान पर अन्य फसलों का उत्पादन एवं तम्बाकू उद्योग में लगे मजदूरों के वैकल्पिक रोजगार के अवसरों को सृजित किए जाने का सुझाव दिया गया.
कार्यशाला में धनबाद सदर प्रखंड प्रमुख श्रीमती आरती देवी, प्रखंड विकास पदाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह, सांसद प्रतिनिधि सुरेश महतो, उप प्रमुख धनबाद सदर श्रीमती मनीषा सिंह, जिला नोडल पदाधिकारी डॉ मंजु दास, जिला परामर्शी राहुल कुमार, सोशल वर्कर शुभांकर मैत्रा सहित अन्य लोगों ने हिस्सा लिया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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