धनबाद(DHANBAD): राजस्थान के कोटा में फिर एक दुखद घटना घट गई है. रांची की रहने वाली छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. वह नीट की तैयारी कर रही थी. छात्रा का नाम रिचा सिंह बताया गया है. अब तक जो छन -छन कर जानकारी यहां पहुंची है, उसके अनुसार मंगलवार की रात पुलिस को सूचना मिली कि तलवंडी के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए एक छात्रा को लाया गया है. हालांकि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी. पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि छात्रा देर शाम तक अपने रूम से बाहर नहीं निकली थी. उसके कई साथी संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन कोई जवाब नहीं आ रहा था. इसके बाद इसकी सूचना हॉस्टल संचालक को दी गई.
पंखे से लटक कर दी जान
दारवाजा तोड़कर देखा गया तो छात्र पंखे से लटक रही थी. पिछले 8 महीने में 24 स्टूडेंट आत्महत्या कर चुके हैं.राजस्थान का कोटा एजुकेशन हब था और है. बड़े-बड़े सपने लेकर बच्चे यहां पहुंचते हैं, कोचिंग करते हैं, चाहत होती है कि बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताओं में सफलता मिले और वह पूरे परिवार का नाम रोशन करे. लेकिन वर्ष "2023 में जो एक आंकड़े सामने आए हैं, वह चौंकानेवाले भी हैं और दिल दहलाने वाले भी. वर्ष "2023 में अब तक 24 बच्चों ने आत्महत्या कर ली है. 2015 के बाद आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या '2023 में सर्वाधिक है.
कोटा दशकों से पढ़ाई का हब रहा है
कोटा दशकों से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए कोचिंग फैक्ट्री का सेंटर पॉइंट रहा है. कोटा ने देश को कई होनहार दिए हैं, वहीं दूसरी तस्वीर भी उभर कर सामने आ रही है. प्रतिस्पर्धा और उम्मीद की दौड़ में खुद को कमजोर पाने के बाद अपनी जान गंवा दे रहे है. आंकड़े के अनुसार सवा दो लाख छात्र नीट और इंजिनीय रिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है.आत्महत्या का यह एक ऐसा आंकड़ा है, जो किसी को भी चौंका सकता है. सबके मन में इच्छा होती है की अच्छी पढ़ाई करें, बेहतर नौकरी पाएं, अभिभावक भी बच्चों के इस इच्छा को पूरी करने के लिए हर कुछ दाव पर लगा देते है. गरीब घर के लड़के भी कोटा पहुंचने हैं, उन्हें घर की आर्थिक हालात की जानकारी होती है. जब वह समझने लगते हैं कि अब वह प्रतियोगी परीक्षा में सफल नहीं होंगे, तो जीवन लीला ही समाप्त कर लेते है. यह अच्छी बात नहीं है. उन्हें समझना होगा कि जीवन अनमोल है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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