धनबाद(DHANBAD): तो क्या अब साइबर अपराधियों की "कृपा" पर आपके पास रकम रह सकती है. अभी तक तो लोग रंगदारों और लुटेरों से ही परेशान थे, लेकिन अब साइबर अपराधी परेशानी का सबसे बड़ा कारण बन गए है. साइबर अपराधियों को लगातार मिल रही सफलता से भी उनका उत्साह बढ़ा हुआ है और ताबड़तोड़ डिजिटल अरेस्ट कर लोगों को ठग रहे है. ताजा मामला 15 जनवरी को बोकारो से निकल कर आया है. साइबर ठगो ने डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर बोकारो जनरल अस्पताल के चिकित्सा प्रमुख से 20 लाख से भी अधिक रुपए की ठगी कर ली है. डॉक्टर ने इसकी शिकायत साइबर सेल से की है. मामला दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है.
डॉक्टर अस्पताल में थे ,तभी आया फ़ोन और फिर हो गई ठगी
डॉक्टर ने पुलिस को बताया है कि वह अस्पताल में थे, तभी एक फोन आया. फोन करने वाले ने बताया कि वह दूर संचार विभाग का कर्मचारी है. उनके मोबाइल से कुछ गलत काम किया गया है. आप 9 नंबर दबाये. जब डॉक्टर ने नौ नंबर दबाया तो उनकी बात दूसरे व्यक्ति से कराई गई. उसने बताया कि उनके आधार कार्ड से कुछ सिम मुंबई सहित दूसरे शहरों में खरीदे गए है. उस सिम कार्ड से अवैध काम किए गए है. एक खाता केनरा बैंक में खोला गया है. इस खाते में एटीएम कार्ड भी जारी किया गया है. अपराधियों ने डॉक्टर को बताया कि उनके नाम से एक अरेस्ट वारंट भी जारी है. इसके बाद उन लोगों ने वीडियो कॉल करने को कहा. उन्हें बताया गया कि सब कुछ ठीक करने के लिए उन्हें बैंक से आरटीजीएस करना पड़ेगा.
16 जनवरी को 20,87, 947 आरटीजीएस के जरिये भेजा गया पैसा
उन्होंने 16 जनवरी को 20,87, 947 आरटीजीएस कर दिया. कॉल करने वाले ने कहा कि जो पैसा भेजा गया है, कोर्ट में जमा हो रहा है. बाद में वापस हो जाएगा. वह सेफ है ,चिंता नहीं करे. साथ ही सादे कागज पर लिखवाया कि वह इसकी जानकारी किसी को भी नहीं देंगे. डॉक्टर ने वैसा ही किया. इसके बाद फिर से 25 लाख रुपए की मांग की गई. तब जाकर डॉक्टर को शक हुआ. साइबर थाने में जाकर उन्होंने शिकायत की है. जो भी हो, लेकिन साइबर अपराधी डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को ठग रहे है. लोग भी उनकी करतूत से झांसे में आ जा रहे है. या अलग बात है कि साइबर पुलिस हो या देश की अन्य एजेंसियां, सबको सावधान कर रही है कि ऐसे किसी भी कॉल या सूचना पर रिएक्ट नहीं करें, फिर भी साइबर अपराधी ठगी करने में सफल हो जा रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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