धनबाद(DHANBAD): बैंकों की एटीएम के साथ छेड़छाड़ करने, काट कर ले जाने, कैश बॉक्स खोलने की घटनाओं से केवल धनबाद ही परेशान नहीं है. झारखंड के अन्य जिले भी परेशानी झेल रहे हैं. धनबाद का तोपचांची हो, जोडापोखर हो या जामताड़ा या फिर रांची. सब जगह ऐसे अपराध किए जा रहे हैं. इन अपराधों में अपराध अनुसंधान विभाग को शंका है कि आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों की इसमें भूमिका होती है. पहले तो काम करते हैं फिर जब उन्हें हटा दिया जाता है तो वह अपने अनुभव का उपयोग करते हुए एटीएम के साथ छेड़छाड़, लूटपाट करते हैं.
अपराध अनुसंधान विभाग के महानिदेशक ने बैंकों को दिए ये सुझाव
इतना ही नहीं ,एटीएम में पैसा डालने के लिए जाने वाले बैंक कर्मियों के साथ लूटपाट की घटनाओं में भी अपराध अनुसंधान विभाग को शंका है कि इनकी संलिप्तता रहती हो. अपराध अनुसंधान विभाग के महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने बैंकों को सुझाव दिए हैं कि एटीएम के रखरखाव का काम करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी से काम छोड़ने वाले कर्मचारियों की सूची रखी जाए. एटीएम में लगे कैमरे की गुणवत्ता और CDR की क्षमता बढ़ाई जाए, एटीएम को जियो लोकेशन से लैस किया जाए. इतना ही नहीं ,एटीएम के अगल-बगल के रहने वाले लोगों, दुकानदारों को ही भरोसे में लिया जाए और उन्हें भी सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए बैंक आग्रह करे.
एटीएम में जियो लोकेशन की सुविधा होनी चाहिए
झारखंड के कई जिलों में एटीएम के साथ छेड़छाड़ और चोरी के मामले में आउटसोर्सिंग एजेंसियों में काम करने वाले कर्मियों की संलिप्तता मिली थी. इसके बाद से ही अपराध अनुसंधान विभाग ने बैंकों को ऐसा सुझाव दिया है .यह भी बात सामने आई है कि एटीएम की देखरेख और रखरखाव का काम आउटसोर्सिंग एजेंसी करती है. इनमें काम करने वाले कर्मियों को एटीएम के बारे में पूरी जानकारी होती है. कई मामलों में देखा गया है कि चोर एटीएम को उखाड़ कर ही ले जाते हैं .ऐसे में अगर एटीएम में जियो लोकेशन की सुविधा हो तो आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. जहां एटीएम लगी हो वहां अतिरिक्त कैमरे की भी जरूरत होती है.
पिछले साल तोपचांची थाना से कुछ ही दूरी पर एचडीएफसी की एटीएम को चोर उखाड़ ले गए थे. इतना ही नहीं, धनबाद के जामा डोबा में बैंक ऑफ़ इंडिया की एटीएम का कैश बॉक्स खोलकर ले गए थे. इस साल 14 सितंबर को जामताड़ा में एसबीआई की एटीएम को उखाड़ कर अपराधी चलते बने थे. रांची में भी घटनाएं हुई थी .संभवत इनकी समीक्षा करने के बाद अपराध अनुसंधान विभाग ने बैंकों को कुछ आवश्यक सुझाव दिए हैं. देखना है बैंक वाले इस पर किस हद तक अमल करते हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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