टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-इस साल मानसून की आंख-मिचौली चलती रही. कभी पानी बरसा, तो ज्यादातर वक्त तक आसमान में साफ बादल ही दिखाई पड़ते रहे. उमस के साथ गर्मी ने जिंदगी बेबस कर दी . लगा ही नहीं की बारिश का मौसम आया है. हालांकि, कुछ दिन से बारिश तो हो रही है. लेकिन, वो भी रुक-रुककर, जो की काफी नहीं है. हालांकि, अब 15 दिन के बाद मानसून की विदाई भी हो जाएगी. लिहाजा सभी की आंखे आसमान पर टकटकी लगाए हुए है कि बारिश आगे होगी या फिर नहीं.
12 सिंतबर तक सबसे कम बारिश
मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार इस साल बारिश न के ही बराबर हुई है. एक जून से 12 सितंबर तक झारखंड में पांच साल में सबसे कम बारिश इसी साल रिकॉर्ड किया गया है. मौसम विभाग के आंकड़े की माने तो राज्य में 15 सितंबर तक 33 प्रतिशत बारिश कम हुई है. जबकि, अब मानसून खत्म होने में मात्र 15 दिन बचे हैं. लिहाजा, जो बरसना होगा वो तीस सितंबर तक ही मानसून के दायरे में होगा. यानि अब किसानों को उम्मीदें ही रह गई है कि अगले 15 दिनों तक पानी बरसे ताकि उनकी फसलों को पानी मिल सके. 30 सितंबर के बाद की बारिश को पोस्ट मानसून कहा जाता है.
गर्जन के साथ बारिश की संभावना
मौसम विभाग की माने तो राज्य में अगले पांच दिनों तक तापमान में बढ़ोत्तरी नहीं होगी. 16 और 17 सितंबर को राज्य के कुछ स्थानों पर गर्जन के साथ बारिश होने की संभावना जतायी गयी है. वही, कही-कहीं भारी बारिश की आशंका भी जताई गई है. मेघ गर्जन के साथ-साथ वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग ने 18 और 19 सितंबर को भी राज्य में बारिश की संभावना जतायी है.
राज्य में सूखे के हालात
इस बार मानसून में उतनी बारिश नहीं हुई, अब इसकी विदाई बेला है. जिसके चलते राज्य में सूखे के हालात पैदा हो गये हैं. बारिश कम हाेने की वजह से राज्य के 21 जिले में सूखे की स्थिति बन रही है. इन जिलों में सूखे के जो मानदंड तय किये गये हैं, इसके मुताबिक करीब 210 प्रखंड इसके दायरे में आये हैं. राज्य आपदा प्रबंधक प्राधिकार की बैठक में इन प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि सिर्फ 57 प्रखंड में ही सामान्य बारिश हुई है. पिछले साल भी राज्य में उतनी अच्छी बारिश नहीं हुई थी जिसके चलते राज्य के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था.
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