टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-झारखंड के साहेबगंज में जुड़े 1000 करोड़ रुपए के अवैध खनन मामले की जांच सीबीआई करेगी. एक महीने में एचसी को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. अवैध खनन के इस मामले में ईडी मनी-लान्ड्रिंग के तहत मामले की जांच कर रही थी. लेकिन, अब इसका अनुसंधान सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेशटिगेशन करेगी. हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने विजय हांसदा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. इस केस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत चार आरोपित जेल में हैं.
एक महीने में रिपोर्ट देने का आदेश
एक महीने के अंदर सीबीआई को प्रारंभिक जांच पूरा कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया गया है . अपने आदेश में अदालत ने कहा कि सीबीआई साहेबगंज में अवैध खनन के साथ-साथ विजय हांसदा के उन आरोपों की भी जांच करेगी, जिसमे उनके नाम से हाईकोर्ट में केस याचिका दाखिल की गई है. 17 अगस्त को अदालत ने विजय हांसदा की उस प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया था. जिसमे उसकी और से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया था. उसकी ओर से हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर कहा गया था कि इस संबंध में उन्होंने हाईकोर्ट में कोई याचिका दाखिल नहीं की थी.इस बाबात बोला गया था कि न तो अधिवक्ता को जानते हैं और न ही इस मामले में पैरवीकार को. इस पर तर्क दिया गया कि वे संताल परगना के रहने वाले हैं, जबकि पैरवीकार लातेहार के निवासी है. उनकी तरफ से एससी-एसटी केस दर्ज कराने की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी, जिस पर उन्हें धमकी मिल रही थी. सुनवाई के दौरान प्रार्थी ने अदालत को बताया कि गड़बड़ी की जांच होनी होनी चाहिए. अदालत ने इस मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि सत्ता के करीबी इसमे शामिल है. ऐसे में इसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए.
अवैध खनन पर ईडी ने शुरु की थी जांच
साहिबगंज में अवैध खनन को लेकर ईडी की जांच विजय हांसदा की शिकायत पर ही शुरु हुई थी. उसने कहा था कि साहिबगंज में उसके गांव के पास नींबू पहाड़ पर गैरकानूनी तरीके से उत्खनन किया जा रहा है. उसने इसे रोकने की कोशिश की गई, तो उसे धमकी दी गई और फर्जी केस में जेल भेज दिया गया. इसके बाद विजय हांसदा ने पंकज मिश्रा सहित अन्य के खिलाफ एससी-एसटी का मामला दर्जा कराया था, जिस पर पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की. फिलहाल, अवैध खनन में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत चार आरोपी सलाखों के पीछे हैं.
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