धनबाद(DHANBAD): माफिया उन्मूलन के समय धनबाद में बाइक, स्कूटर और कार से बालू ढुलाई का खुलासा हुआ था. दरअसल जमीन पर ढुलाई नहीं हुई थी लेकिन इन नंबरों से चालान और बिल भर कर भुगतान उठाया गया था. उस समय इसकी खूब चर्चा हुई थी. इसी की जाँच करने आये कोलकत्ता के ऑडिटर की हत्या भी कर दी गई थी. अभी कोयलांचल कहे या झारखंड के अन्य जिले में अपराध की घटनाएं बढ़ गई है. इन अपराध की घटनाओं के लिए तेज रफ्तार बाइक का इस्तेमाल किया जा रहा है. बाइक किसकी है, चोरी की है अथवा बिना नंबर की है, यह पता लगाना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. धनबाद पुलिस फायरिंग और बाइकर्स गैंग से फिलहाल परेशान है. रोज कहीं ना कहीं, घटनाएं हो जा रही है.
तेज रफ्तार बाइक से बेफिक्र अपराधी पहुंचते हैं
तेज रफ्तार बाइक से अपराधी पहुंचते हैं और घटनाओं को अंजाम देकर निकल जाते है. पुलिस पानी पीटती रह जाती है. धनबाद में वाहन जांच अभियान तेज गति से चल रहा है. यहां के अपराधी चोरी के वाहनों का ही केवल प्रयोग नहीं कर रहे हैं बल्कि बाइक पर बड़ी गाड़ियों का नंबर प्लेट भी लगा कर चल रहे है. ऐसे बाइक सवार अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे है. जोडा पोखर पुलिस ने वाहन चेकिंग अभियान के दौरान एक बाइक को जब्त किया. जांच पड़ताल की तो पता चला कि जब्त बाइक पर टाटा सुमो का नंबर प्लेट लगाकर चलाया जा रहा था. पुलिस को देखकर बाइक सवार तेज रफ्तार से भागने लगा. पुलिस को जब पीछा करने लगी तो बाइक सवार गाड़ी छोड़कर भाग निकला. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
बाइक से अपराध की घटनाओ में हुई है वृद्धि
हाल के दिनों में छिनतई की घटनाएं भी हुई है. 3 मई को वासेपुर में गैंस्टर फहीम खान के बेटे और उसके बॉडीगार्ड पर हमला हुआ. बॉडीगार्ड की तो जान चली गई लेकिन फहीम खान के बेटे का इलाज अभी चल रहा है. इस घटना में भी तेज रफ्तार बाइक का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस बाइक को ढूंढ रही है, इसके लिए सीसीटीवी फुटेज में डिटेल्स के आधार पर धनबाद के शोरूम से जानकारी जुटा रही है. जिससे पता चल सके कि बाइक सवार कौन थे, बाइक किसके नाम से थी और इसे चलाने वाले कौन थे. कहा जा सकता है कि तेज रफ्तार बाइक से अपराध करने वाले तरीके बदल- बदल कर घटनाओं को अंजाम दे रहे है. टाटा सूमो का नंबर लगाकर बाइक चलाने वाला युवक भी निश्चित रूप से किसी गैंग से ही जुड़ा होगा. अगर वह पकड़ में आता है तो पुलिस को कोई बड़ा सुराग मिल सकता है. देखना है की पुलिस को इसमें किस हद तक सफलता मिलती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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