धनबाद(DHANBAD) : 11 जनवरी "2019 की शाम 6 बजे गिरिडीह के तत्कालीन एसपी सुरेंद्र कुमार झा को सूचना मिली थी कि मधुबन थाना क्षेत्र के मोहनपुर, बड़वारा के जंगली क्षेत्र में माओवादी के दस्ते को देखा गया था. इस दस्ते में अजय महतो, रामदयाल महतो, कृष्णा मांझी, जया मांझी समेत कई नक्सली थे. इसी मामले में जया मांझी को गिरफ्तार किया गया है. जया की गिरफ्तारी को झारखंड पुलिस अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है. वह नाम बदलकर अस्पताल में इलाज करा रही थी. इसकी भनक पुलिस को लग गई, उसके बाद उसको हिरासत में ले लिया गया. कड़ाई से पूछताछ के बाद प्रतिबंधित नक्सली संगठन की महिला नक्सली जया मांझी को पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गिरिडीह की अदालत में पेश किया गया. वहां से उसे 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में गिरीडीह जेल भेज दिया गया है. तीन-चार दिन पहले धनबाद पुलिस ने उसे इलाज करने के दौरान पकड़ा था. जया की गिरफ्तारी मधुबन थाने में 2019 में दर्ज एक मामले में हुई है. जया कोई ऐसी वैसी साधारण नक्सली नहीं है.
एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी की पत्नी है जया
वह माओवादी सेंट्रल कमेटी सदस्य और एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी की पत्नी है. प्रयाग मांझी धनबाद के टुंडी प्रखंड का रहने वाला है. जया मांझी पर भी पहले 25 लाख रुपए का इनाम था. लेकिन उसकी गतिविधियां जब धीमी हुई, तो इनाम को स्थगित कर दिया गया. उसके पास माओवादी संगठन के महत्वपूर्ण राज हो सकते है. सूत्र बताते हैं कि दो दशक से प्रयाग मांझी और जया की तलाश पुलिस कर रही थी. वह फिलहाल असाध्य रोग से पीड़ित है और नाम बदलकर अस्पताल में इलाज करवा रही थी. वह असाध्य रोग के अंतिम स्टेज में है. गोल ब्लैडर में बीमारी की शिकायत है. सूत्र बताते हैं कि कविता के नाम से वह अस्पताल में भर्ती थी, लेकिन टोह में लगी पुलिस को इसकी भनक मिल गई. बताते है कि जिस महिला नक्सली को झारखंड पुलिस दो दशक से ढूंढ रही थी, वह धनबाद में इलाज कराते पुलिस के हाथ लग गई. इस गिरफ्तारी से झारखंड पुलिस उत्साहित है और एक करोड रुपए के इनामी नक्सली तक पहुंचने के लिए घेराबंदी कर रही है.
प्रयाग मांझी को झारखंड के साथ-साथ कई राज्यों की पुलिस ढूंढ रही
प्रयाग मांझी को झारखंड के साथ-साथ कई राज्यों की पुलिस ढूंढ रही है. प्रयाग माझी टुंडी थाना क्षेत्र के धनबाद गिरिडीह जिले के सीमावर्ती गांव दल्लू गौड़ा का रहने वाला है. प्रयाग के साथ-साथ उसकी पत्नी जया भी नक्सली गतिविधियों में शामिल रही है. जया के खिलाफ धनबाद जिले में किसी अपराध में स्पष्ट तौर पर संलिप्तता नहीं होने के कारण धनबाद पुलिस उसे गिरिडीह पुलिस के हवाले कर दिया. 1980 में नक्सलवाद की दुनिया में कदम रखने वाला प्रयाग भाकपा माओवादी की केंद्रीय कमेटी का सदस्य है. पारसनाथ, छत्तीसगढ़, झुमरा, बिहार से लेकर बंगाल में वह रह चुका है. बरसों से वह संगठन के लिए काम कर रहा है. उसके खिलाफ गिरिडीह जिले में कई मामले दर्ज हैं. सरकार ने उस पर एक करोड रुपए का इनाम भी रखा है. जया की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को भरोसा है कि प्रयाग तक पहुंचने में उसे सहूलियत होगी. प्रयाग माझी की गिरफ्तारी के लिए चौतरफा घेराबंदी की जा रही है. सूत्र बताते हैं कि जया की गिरफ्तारी से महिला विंग के साथ संगठन को बड़ा झटका लगा है. झारखंड पुलिस प्रयाग माझी के अलावा जया को पकड़ने के लिए दो दशक से प्रयास कर रही थी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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