तीन मेडिकल कालेजों में नेशनल मेडिकल काउंसिल ने नहीं दी एडमिशन की इजाजत,जानिए क्यों और क्या होगा परिणाम


रांची(RANCHI): झारखंड के तीन मेडिकल कालेजों में एडमिशन को लेकर नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने सत्र 2022 की परमिशन नहीं दी है. 2021 सत्र को लेकर ही नेशनल मेडिकल काउंसिल से शेख भिखारी मेडिकल कालेज हजारीबाग, मेदिनीराय मेडिकल कालेज पलामू और फूलो झानो मेडिकल कालेज दुमका में एडमिशन के लिए इजाजत दी थी. इन तीनों मेडिकल कालेजों में 100-100 सीटें हैं. साल 2022 के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल ने अपनी अनुमति नहीं दी है. नीट यूजी-2022 को लेकर कभी भी राष्ट्रीय स्तर की काउंसिलिंग तथा झारखंड सरकार की काउंसेलिंग शुरू हो सकती है. ऐसे में इन तीनों कालेजों में एडमिशन लेने के पात्र छात्र-छात्राओं की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है. नेशनल मेडिकल काउंसिल ने तीनों मेडिकल कालेजों में आवश्यक फैकेल्टी की कमी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने की वजह से मान्यता नहीं दी है. 2021 में काउंसिल ने शर्तों के साथ 100-100 सीटों पर दाखिले की अनुमति दी थी, जो सिर्फ एक वर्ष के लिए ही मान्य थी. उधर शहीद निर्मल महतो मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल धनबाद में भी लगातार छठे वर्ष सिर्फ 50 छात्रों का ही एडमिशन हो पायेगा. अभी तक अस्पताल और मेडिकल कालेज की खामियों को अस्पताल प्रबंधन और राज्य सरकार ने दुरुस्त नहीं किया है. अस्पताल और मेडिकल कालेज में फैकल्टी, अस्पताल की आधारभूत संरचना और अन्य सुविधाएं अब तक बहाल नहीं की गयी है.
उधर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीइसीइ) की तरफ से राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग से 2022 के लिए मेडिकल कालेजों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर तीन से अधिक पत्र लिख कर सीटों का ब्योरा मांगा गया है. इसकी वजह से नीट यूजी -2022 की काउंसेलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. इससे सफल अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को में चिंता बढ़ गई है. पिछली रघुवर सरकार में ही 3 नए मेडिकल कॉलेजों को शर्तों के साथ मान्यता दी गई थी. लेकिन वर्तमान सरकार आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर पाई है. इस कारण नेशनल मेडिकल काउंसिल ने मान्यता नहीं दी है यानी एडमिशन की इजाजत नहीं दी है.
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