भाजपा के आरोपों पर झामुमो महासचिव सुप्रियो का तंज, भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल को बताया साहू परिवार का मुंशी


रांची(RANCHI): कांग्रेसी सांसद धीरज साहू के जुड़े ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी जारी है. इस रेड में अब तक 300 करोड़ की रकम मिलने की बात सामने आई है. इसपर राज्य में राजनीतिक बयानबाजी भी बढ़ गई है. झामुमो कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने है. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इसी कड़ी में आज झामुमो महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने धीरज साहू मामले में भाजपा पर तंज कसते हुए बड़ा बयान दे दिया है.
भाजपा के तमाम नेता बजा रहे डुग-डुगी
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से भारत सरकार की आईटी विभाग की जांच चल रही है. यह जांच राज्य के सबसे बड़े कारोबार से जुड़े लोगों के ठिकानों पर हुआ है. अब तक जो चीज सामने आई है, इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. कई चैनल और अखबारों में अलग-अलग खबर दिख रही है. इस खबर पर अब कई लोग पैसे का आरोप दूसरे पर मढ़ना भी शुरू कर दिया है. इसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अखबार में छपी खबर को ट्वीट कर देते हैं. बाद में तमाम प्रदेश के भाजपा नेता डुग डुगी बजाना शुरू कर देते हैं.
साहू के घर में मुंशी का काम करते भाजपा के नेता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सभा में अजित पवार और प्रफुल पटेल के उपर 70 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. बाद में दोनों उनके साथ सरकार में शामिल हो गए. इसपर प्रधानमंत्री ने ट्वीट नहीं कर पाए. अब आयकर विभाग की जांच चल रही है तो इसका पूरा ब्यौरा आयकर को देना है ना कि भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में, सीथ ही उन्होंने कहा कि कभी भाजपा के नेता साहू परिवार के यहां मुनीम का काम करते थे. इस लिए बाबूलाल के पास पूरा पैसे का ब्यौरा है. अब नौकरी चली गई तो बौखलाहट में बयान दे रहे है. उन्हें मालूम है कि साहू परिवार के पास किसका-किसका पैसा है. अगर बाबूलाल को सब जानकारी है तो सभी को पैसा वापस लौटा क्यों नहीं देते. यह काम आयकर विभाग का रूटिंग काम है. हमेशा इस तरह की रेड चलती रहती है.
भाजपा कार्यालय में लिखी जाती है पूरी प्रकरण की स्क्रिप्ट
राज्य में धीरज साहू एक राजनीतिक दल से जुड़े है तभी इतना भाजपा चिल्ला रही है. नहीं तो रुंगटा के यहां भी छापेमारी चल रही है इसमें किसका पैसा है क्या बाबूलाल मरांडी बता सकते है. अगर बाबूलाल के पास सभी पैसों की जानकारी है तो तथ्य को सामने रखे. बिना जानकारी के बयानबाजी ना करे. कुछ ऐसा ही हाले के दिनों ईडी की रेड में देखने को मिला है. ईडी के सूत्र के नाम पर कई जानकारियां निकल रही थी. लेकिन ईडी इन सब मामलों में कुछ भी बोलने से बच रही थी. ठिक वैसा ही हाल आईटी का हो गया है, अब आईटी भी एक शब्त या अधिकारिक पत्र जारी नहीं कर रही है. पूरे प्रकरण की स्क्रिप्ट भाजपा के दफ्तर में लिखी जाती है. और फिर केंद्रीय एजेंसी ऊपर काम करना शुरू करती है.राज्य सरकार को अपदस्त करने की भी तैयारी भाजपा के केंद्रीय कार्यालय और राज्य के कार्यालय में लिखी जाती है.
रिपोर्ट. समीर हुसैन
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