रांची(RANCHI): झारखंड विधानसभा मॉनसून सत्र का आज तीसरे दिन है और तीसरे दिन भी विपक्ष सदन के बाहर सरकार पर हमलावर दिखा. विपक्ष के विधायकों ने सीढ़ी पर बैठ कर नियोजन नीति, 1932, सुखाड़ और विधि व्यवस्था पर सवाल उठाया है. साथ ही विपक्ष के विधायकों ने सदन में इन मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की है.
1932 पर चाहते है सरकार का जवाब
भाजपा विधायक बिरंचि नारायण ने कहा कि हम सदन में 1932 पर सरकार का जवाब चाहते है. लेकिन यह सरकार सवालों से बच रही है. सरकार को उनके किये दए वायदों को सड़क से सदन तक याद कराते रहेंगे. यह सरकार युवाओं को ठंगने का काम कर रही है.
झारखंडी को भूल अपनी जेब भरने में लगी सरकार
वहीं अनंत ओझा ने कहा कि नियोजन नीति के बिना नियुक्ति का विज्ञापन निकाला जा रहा है. युवकों को छलने का काम कर रही है हेमन्त सोरेन सरकार . इस सरकार में बाहरी को प्राथमिकता दी जा रही है जबकि झारखंड के लोग बाहर जाने को मजबूर है. सरकार सत्ता में आने से पहले झारखड के लोगों की बात कर रही थी. अब झारखंडी को भूल कर अपनी जेब भरने में लगी है.
शशि भूषण मेहता ने कहा कि राज्य में वर्षा नहीं के बराबर हुई है. अकाल जैसी हालात बन रहे है. लेकिन सरकार किसानों के बारे में नहीं सोच रही है. राज्य में कई सिचाई परियोजना अधर में लटकी हुई है. उसे पूरा करने के बजाय अधूरा छोड़ने में लगी है. किसान बेहाल है उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. पलामू में सबसे कम पानी हुआ है. किसी तरह की खेती नहीं हो पाई है. लेकिन इसके बावजूद सरकार चुपी साधे हुआ है.
रिपोर्ट. समीर हुसैन
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