धनबाद(DHANBAD) : छत्तीसगढ़ में बीजेपी किसे टिकट देगी, किसे किनारा करेगी, इसमें झारखंड के दर्जनभर विधायकों की बड़ी भूमिका होगी. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि झारखंड के दर्जन भर विधायकों को 22 अगस्त तक छत्तीसगढ़ पहुंचने का निर्देश दिया गया है. यह विधायक छत्तीसगढ़ जाकर वहां की चुनावी रणनीति, स्थानीय नेताओं का प्रभाव, सामाजिक समीकरण पर अपनी विशेष रिपोर्ट देंगे. उस रिपोर्ट के आधार पर यह तय होगा कि किस सीट पर पार्टी किसे चुनाव लड़ाएगी. कौन विनिंग कैंडिडेट हो सकता है.
छत्तीसगढ़ के भाजपा उम्मीदवारों के चयन में झारखंड के विधायको की होगी बड़ी भूमिका
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर बी जे पीपूरी तरह से गंभीर है. मध्यप्रदेश में तो कुछ उम्मीदवारों के नाम की भी घोषणा कर दी गई है. ताकि "आया राम गया राम" की प्रथा पर कुछ हद तक रोक लगाई जा सके. खैर, छत्तीसगढ़ में झारखंड के विधायक जाकर वहां पहले से मौजूद भाजपा के वरीय नेताओं से विमर्श करेंगे. फिर निर्देश के मुताबिक काम कर अपनी रिपोर्ट देंगे. वैसे भी माना जाता है कि स्थानीय नेताओं की रिपोर्ट से इतर बाहर के नेताओं की रिपोर्ट अधिक कारगर हो सकती है. लोकल नेताओं की अपनी मजबूरियां या समीकरण हो सकते हैं ,लेकिन बाहर से गए नेताओं के सामने ऐसी कोई मजबूरी नहीं हो सकती .
जानिए क्या है आलाकमान की कार्ययोजना
झारखंड के जिन विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है ,उनमें विधायक राज सिन्हा, अपर्णा सेनगुप्ता, अमर कुमार बाउरी, अमित मंडल, आलोक चौरसिया, समरी लाल, नीलकंठ सिंह मुंडा, जे पी पटेल शामिल हैं.छत्तीसगढ़ में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है और इस बार भाजपा अभी से ही परिवर्तन के लिए कमर कस चुकी है. देखना है कि आगे आगे होता है क्या.
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