रांची(RANCHI): झारखण्ड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा प्रतिबंधित पिस्तौल रखने और उनके द्वारा अश्लील विडियो चैटिंग करने के मामले में, जमशेदपुर के विधायक सरयू राय आज झारखंड के राज्यपाल सी.पी राधाकृष्णन से मिले. इस दौरान विधायक सरयू राय और राज्यपाल के बीच करीब आधा घंटा तक इस विषय पर चर्चा हुई. जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे मुख्यमंत्री को निर्देश देकर स्वास्थ्य मंत्री को अविलंब बर्खास्त करे.
राज्य की सरकार राज्य की कानून का उड़ा रही मजाक
सरयू राय ने बताया की उन्होंने राज्यपाल को विस्तार से बताया कि किस प्रकार एक मंत्री के गलत कार्यों को संरक्षण झारखण्ड की सरकार कांग्रेस पार्टी के दबाव में दे रही है. राजनीतिक दबाव के कारण सारे प्रमाण रहने के बाद भी अभियुक्त के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो रही है, कारण कि वे झारखण्ड सरकार में मंत्री है. इससे स्पष्ट है कि राज्य में कानून का शासन नहीं रह गया है और यदि नियम-कानून का उल्लंघन करने वाला सरकार में मंत्री है और एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़ा हुआ है. तो उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी. राज्य की सरकार राज्य में कानून का मजाक उड़ा रही है.
सरयू राय ने बताय़ा कि उन्होंने राज्यपाल महोदय को बताया कि झारखण्ड सरकार कांग्रेस पार्टी के दबाव में चल रही है और स्वयं स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं रह गई है. यही कारण है कि झारखण्ड का प्रशासन गंभीर आरोप लगने के बाद भी मंत्री के खिलाफ जाँच नहीं कर रहा है. इस बारे में उन्होंने मंत्री द्वारा अवैध हथियार रखने के बारे में गत 28 अप्रैल को पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को सूचना दिया था कि मंत्री के पास न केवल प्रतिबंधित हथियार है. बल्कि वे इसका प्रदर्शन भी सार्वजनिक स्थानों पर कर रहे हैं. उन्होंने राज्यपाल महोदय को भारत सरकार के गृह मंत्रालय का वह पत्र भी दिखाया, जिसमें साफ कहा गया है कि यदि ग्लॉक पिस्तौल किसी के पास भी हो तो प्रशासन उसे जब्त कर मालखाना में रख दे. परन्तु एक सप्ताह का समय बीत जाने के बाद भी जमशेदपुर जिला प्रशासन और पुलिस की हिम्मत नहीं हो रही है कि वह मंत्री के यहाँ से अवैध/प्रतिबंधित हथियार जब्त करे. इससे स्पष्ट है कि प्रतिबंधित हथियार मंत्री ने जानबूझकर खरीदा है.उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय से आर्म्स एक्ट की धारा-25 को उद्धृत करते हुए कहा कि यदि पुलिस ने केस दर्ज किया और कार्रवाई किया तो स्वास्थ्य मंत्री को कम से कम सात साल की जेल की सजा होगी. सजा की अवधि 14 साल भी हो सकती है.जिस पर राज्यपाल ने आश्वस्त देते हुए कहा कि वे इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सरकार से एक प्रतिवेदन मांगेंगे और उन्हें जो सूचना मिली है उसके आधार पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भी अवगत करायेंगे.
4+