दुमका (DUMKA) : बिहार से अलग झारखंड राज्य बना तो नए राज्य की पहचान उग्रवाद प्रभावित राज्य के रूप में हुई. राज्य के हर जिलों में उग्रवादियों ने तांडव मचाया. समय बीतता गया और आज कई नक्सली या तो पुलिस की गोली से मारा गया या फिर सरकार की नीति से प्रभावित होकर मुख्य धारा में लौटने की चाहत लिए आत्मसमर्पण कर दिया. तभी तो आज के दिन में नेता हो, मंत्री हो या अधिकारी अपने संबोधन में मंच से यह जरूर कहते हैं कि झारखंड में उग्रवाद अंतिम सांस ले रहा है. यह ऐसे ही संभव नहीं हुआ बल्कि इसके लिए हमारे कई जवानों और अधिकारियों ने अपनी शहादत दी.
नम आंखों से श्रद्धांजलि
हम बात कर रहे है एसएसबी 35वीं वाहिनी के जवान शहीद नीरज छेत्री की, जिसकी आज चौथी पुण्यतिथि है. इस मौके पर विजयपुर स्थित एसएसबी 35वीं वाहिनी के मुख्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. नम आंखों से एसएसबी 35वीं वाहिनी के कमान अधिकारी पी एल शर्मा एवं अन्य अधिकारी और जवानों ने शहीद नीरज छेत्री की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.मृतक की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया. उस मौके पर कमान अधिकारी द्वारा अपने संबोधन में शहीद आरक्षी नीरज छेत्री की वीरता के बारे में विस्तार से बताया गया. उन्होंने कहा कि नीरज छेत्री का जन्म 24 फरवरी 1991 को असम के सोनितपुर जिला के हेलम थाना क्षेत्र के करिविल नेपाली गांव में हुआ था. एसएसबी में योगदान के बाद इनके द्वारा कुल 67 ऑपरेशन में भागीदारी दर्ज कराई गई.
नक्सलवाद के खिलाफ संयुक्त आपरेशन
2 जून 2019 की सुबह दुमका के रानीश्वर थाना के कठहलिया जंगल में स्थानीय पुलिस के साथ एसएसबी 35वीं वाहिनी नक्सलवाद के खिलाफ संयुक्त आपरेशन पर निकली थी. आपरेशन के दौरान भाकपा माओवादी से मुठभेड़ हुई जिसमें नीरज छेत्री ने अपनी शहादत दी. 28 वर्ष के जीवन काल मे नीरज ने 4 वर्ष, 8 महीने और 23 दिनों तक एसएसबी में अपनी सेवा दी.अल्प अवधि में इन्होंने अपनी बहादुरी और पराक्रम का सर्वोत्तम नमूना पेश किया. इस वीरतापूर्ण कार्य और अपने सर्वोच्च बलिदान के लिए भारत सरकार द्वारा 6 जनवरी 2022 को शहीद आरक्षी नीरज छेत्री को मरणोपरांत पुलिस मैडल फ़ॉर गैलेंट्री (PMG) से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान उप कमांडेंट किसलय उपाध्याय, उप कमांडेंट विकास कुमार पांडेय, उप कमांडेंट संजय प्रसाद, सहायक कमांडेंट (संचार) अरविंद कुमार एवं 35वीं वाहिनी के सभी आरक्षी मौजूद रहे. पुण्यतिथि के आयोजन के उपरांत 35वीं वाहिनी के सर्व धर्म प्रार्थना स्थल पर शहीद आरक्षी की आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना भी की गई.
कुल 67 ऑपरेशन में दर्ज की गई भागीदारी
दिनांक 02.06.2023 को शहीद आरक्षी नीरज छेत्री की चौथी पुण्यतिथि 35वीं वाहिनी एस.एस.बी. विजयपुर प्रागण में आयोजित की गयी. इस दौरन सभी बल कार्मिकों की आँखे नाम थी. इस अवसर पर श्री पी. एल. शर्मा, कमान अधिकारी 35 वीं वाहिनी द्वारा शहीद नीरज छेत्री को पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजलि दी गयी एवं 02 मिनट का मौन रख कर शहीद की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. इसी क्रम में कमान अधिकारी महोदय के द्वारा उपस्थित सभी कार्मिक को शहीद आरक्षी नीरज छेत्री के वीरता के बारे में विस्तार से अवगत करवाया गया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि शहीद नीरज छेत्री का जन्म 24 फरवरी 1991 को श्री टीका बहादुर छेत्री एवं श्रीमती गंगा माया. छेत्री ग्राम कारिवील नेपाली, पोस्ट करबारीपायर, थाना- हेलम, जिला- सोनितपुर (असाम) में हुआ था. इस बहादुर जवान ने कुल 67 ऑपरेशन में अपनी भागीदारी दर्ज की गई जिसमें कई प्रकार के हथियार और गोलाबारूद बरामद किए गए.
भाकपा माओवादियों के बीच मुठभेड़
दिनांक 02 जून 2019 को लगभग 0400 बजे दुमका के रानीश्वर थाना क्षेत्र के कठलिया इलाके में रविवार सुबह सशस्त्र सीमा बल 35वीं वाहिनी दुमका एंव स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त ऑपरेशन के दौरान भाकपा माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें बहादुर जवान नीरज छेत्री ने अपनी शहादत दी। इन्होने 28 वर्ष के जीवनकाल में कुल 4 वर्ष 8 महीने और 23 दिन की अवधि सशस्त्र सीमा बल में दिया. इस अल्प अवधि में इन्होने अपनी बहादूरी और पराक्रम का सर्वोत्तम नमुना पेश किया जो हम सब के लिए अनुकरणीय है. इस वीरतापूर्ण कार्य एवं अपने सर्वोच्च बलिदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिनांक 06.01.2022 को वीर शहीद आरक्षी सामान्य नीरज छेत्री को मरणोपरांत पुलिस मैडल फॉर गैलेंट्री (PMG) से सम्मानित किया गया. पूण्यतिथि के दौरन श्री किसलय उपाध्याय, उप कमांडेंट, श्री विकास कुमार पाण्डेय, उप कमांडेंट, श्री संजय प्रसाद उप कमांडेंट, श्री अरविन्द कुमार, सहायक कमांडेंट (संचार), एवं 35वीं वाहिनी के उपस्थित सभी बल कार्मिकों के द्वारा पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी। पूण्यतिथि के आयोजन के उपरांत 35वी वाहिनी के सर्व धर्म प्रार्थना स्थल में शहीद आरक्षी की आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना भी की गई.
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